जबलपुर में विहिप-बजरंग दल को शौर्य यात्रा निकालने से पुलिस ने क्यों रोका, प्रशासन ने बताई वजह

पुलिस प्रशासन का कहना है कि जिस रोड पर शौर्य यात्रा निकली जा रही है उसकी अनुमति नहीं ली गई है।

Amit Sengar
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Jabalpur News : मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के द्वारा आज दमोह नाका से अपनी शौर्य यात्रा निकल रहे थे लेकिन उनकी यात्रा को हितकारिणी स्कूल में ही पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। करीब आधे घंटे तक पुलिस और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच बात चलती रही। पुलिस प्रशासन का कहना है कि जिस रोड पर शौर्य यात्रा निकली जा रही है उसकी अनुमति नहीं ली गई है वहीं बजरंग दल ने पुलिस प्रशासन के आदेश को मानने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि सालों से शौर्य यात्रा निकाली जा रही है लेकिन कभी अनुमति की जरूरत नहीं पड़ी।

बता दें कि यात्रा को रोकने के लिए शहर और देहात से करीब एक दर्जन से अधिक थानों की पुलिस सहित तीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे। 12 दिनों पहले बजरंग दल ऑफिस हिंदू परिषद ने शौर्य यात्रा निकालने के लिए जिला प्रशासन से कही थी लेकिन किसी कारणवश उन्हें रोक दिया गया। कार्यक्रम में बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता हितकारिणी स्कूल शौर्य यात्रा के लिए निकले पर पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया।

करीब आधे घंटे तक पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प

हितकारिणी स्कूल के अंदर जैसे ही विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका तो, विवाद की स्थिति बन गई। कार्यकर्ताओं ने जबरन बैरिकेड को तोड़ते हुए बाहर निकलने की काफी कोशिश की मगर पुलिस ने उन्हें हठ पूर्वक रोक दिया। इस दौरान पुलिस व कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प भी हुई। कार्यकर्ता की जबरन शौर्य यात्रा निकालने की कोशिश कर रहे थे तो वही पुलिस होने बलपूर्वक रोकते रही। करीब आधे घंटे तक पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प होती रही।

बदले रूट से निकाली गई शौर्य यात्रा

जानकारी लगते ही एसडीएम पंकज मिश्रा, एएसपी आनंद कलादगी, एएसपी सूर्यकांत शर्मा मौके पर पहुंचे और बजरंग दल के पदाधिकारी से बात की। चर्चा होने के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रूट बदलने को तैयार हुए और फिर पुलिस के साए में शौर्य यात्रा शुरू हुई।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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