मौत की सेल्फी : घाट पर खड़े होकर युवक ले रहा था Selfie, पैर फिसलते ही नदी में जा गिरा, पत्थर में फंसा मिला शव

Atul Saxena
Updated on -

Jabalpur News :  जबलपुर में एक युवक को भेड़ाघाट में मोबाइल से सेल्फी लेना महंगा पड़ गया। घटना रविवार की दोपहर की है जब दोस्तों के साथ गया एक युवक पत्थरों के बीच खड़ा होकर मोबाइल से सेल्फी ले रहा था, उसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में डूब गया। आज सुबह दोपहर 12:00 बजे मृतक नितिन ठाकुर का शव स्वर्गद्वारी से करीब आधा किलोमीटर दूर मिला। एनडीआरएफ की टीम नेराशियों के सहारेनितिन ठाकुर के शव को निकाला और पीएम के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भिजवाया।

दोस्तों के साथ गया था भेडाघाट घूमने

जानकारी के मुताबिक जबलपुर के तिलवारा थाना अंतर्गत शाहनाला में रहने वाला नितिन ठाकुर रविवार को घूमने के लिए अपने दोस्तों के साथ भेड़ाघाट पहुंचा। नितिन ठाकुर स्वर्गद्वारी के पास पत्थर पर खड़े होकर मोबाइल से सेल्फी ले रहा था कि अचानक उसका पैर फिसला और वह गहरे पानी में समा गया।

MP

सेल्फी लेते ही पैर फैसल गया धुआंधार में 

नितिन के पानी में गिरते ही उसके साथियों ने नितिन को बचाने के लिए जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। आवाज सुनने के बाद मौके पर कुछ नाविक भी खड़े थे जिन्होंने नितिन को बचाने का प्रयास किया पर तब तक नितिन गहरे पानी में डूब चुका था।

रविवार को डूबा, आज सोमवार को मिला शव 

नाविकों ने नितिन के डूबने की सूचना तिलवारा थाना पुलिस को दी, जिसके बाद रविवार की शाम तक उसे तलाश करने का पुलिस और नाविकों ने प्रयास किया पर वह नहीं मिला। आज सोमवार को करीब 11 बजे नितिन का शव स्वर्गद्वारी से आधा किलोमीटर दूर पत्थरों के बीच फंसा हुआ मिला, जिसे पुलिस ने रस्सी की मदद से बाहर निकाला। आज शव मिलने के बाद परिजनों को सूचना दी गई है। फिलहाल मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।

पुरानी कहावत है ” सावधानी हटी , दुर्घटना घटी” इसे सब जानते हैं लेकिन मानते नहीं है और लापरवाही उन्हें इतनी भारी पड़  जाती है कि उन्हें जान से हाथ धोना पड़ जाता है। इसलिए बारिश के इस मौसम में पिकनिक पर जाएँ या कहीं और घूमने हमेशा सावधान रहें, क्योंकि जीवन बहुत अनमोल है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News