कटनी। वंदना तिवारी।
जहां एक ओर प्रदेश की आंगनबाड़ियों को खत्ता हाल को देखते हुए आम लोग अपने बच्चो को प्राइवेट प्ले स्कूलों में भेजते है जिससे उनके बच्चों का मानशिक विकास अच्छे से हो सके। पर कटनी कलेक्टर की एक वर्षीय बच्ची नगर निगम सीमा में बनी आंगनबाड़ी में जाती है।
प्रदेश में जहा आंगनबाड़ी का महत्त्व अधिकांश ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलता है। वही शहरी इलाके में भी कुछ हद तक आंगनबाड़ियों का महत्व है। जहा बच्चे दूसरे बच्चों के साथ मिल जुल कर खेल खेल में पढ़ाई करते है। पर कटनी की एक ऎसी आंगनबाड़ी है जहाँ कलेक्टर की बच्ची आंगनबाड़ी में निरन्तर दो माह तक न सिर्फ गई बल्कि आंगनबाड़ी का भी खाना भी खाया। ये आंगनबाड़ी निगम सीमा के महाराणा प्रताप वार्ड के 155 क्रमांक केंद्र जाती है। कलेक्टर पंकज जैन ने बताया कि वो सिर्फ अपनी बच्ची पंखुड़ी सामान्य रूप से भेजते थे और जब बच्ची ने आंगनबाड़ी जाना शुरू किया तो बच्ची भी दूसरों बच्चो के साथ मिलकर केंद्र में खेलती और वही खाना भी खाती थी और जहा तक बात आंगनबाड़ी ने बच्ची को भेजने की बात है तो मुझे आंगनबाड़ी भेजना ठीक लगा था इस लिए मैंने अपनी बच्ची को भेजा और भेजने के बाद से और भी दूसरे स्टाफ के लोगो मे भी जागरूकता आई और आंगनबाड़ी स्टाप में भी बच्चो की पढ़ाई और खेल के समान भी अच्छे हुए। साथ ही आसपास के केंद्रों की भी स्थिति अच्छी हुई और हम आने वाले समय मे अन्य आंगनबाड़ियों की स्थिति में सुधार करने के प्रयास करेंगे। जहा के आंगनबाड़ी के कर्मचारी अच्छे प्रशिक्षित है। जिससे दूसरे आसपास के केंद्र भी इन केंद्रों को देखते हुए उनमें भी परिवर्तन आए। साथ ही आंगनबाड़ियों में बच्चो के लिए बिजली पानी की व्यसवस्था भी अच्छी हो सके।