जनता का निर्णय चुनाव लड़ो संजय : विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक को जनादेश में मिले 75 प्रतिशत वोट, दिया जनता को धन्यवाद

Amit Sengar
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MP Election 2023 : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कटनी के विजयराघवगढ़ विधानसभा से बीजेपी विधायक संजय पाठक के एक फैसले ने सियासी गलियारों में हलचल मचा कर रख दी है। इस बार संजय पाठक ने जनता के आदेश पर ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। इसके लिए बकायदा विधायक द्वारा 21 से 25 अगस्त तक वोटिंग कराई गई जिसकी मतगणना शुक्रवार (आज) की गई।

इतने प्रतिशत मिले वोट

बता दें कि जनमत संग्रह के लिए कुल 1 लाख 37 हजार 55 वोट डाले गए थे। मतगणना के दौरान विजयराघवगढ़ की जनता ने हां विकल्प पर 1 लाख 3 हजार 203 वोट दिया। जबकि ना के विकल्प पर 30 हजार 82 वोट दिए गए। जबकि 3770 वोट निरस्त घोषित किए गए। वहीं विपक्ष को 30,082 वोट मिले।

विधायक ने दिया जनता को धन्यवाद

विधायक संजय पाठक ने जनादेश का परिणाम आने के बाद जनता को धन्यवाद दिया है और विधानसभा चुनाव के लिए कराए गए जनमत संग्रह को एक तरफा जनता का प्रेम कहा है आगे कहा कि मैं आपका प्रधान सेवक हूं। सेवा करना मेरा कर्तव्य है, आपकी सेवा करता रहूंगा। राजनीति में पारदर्शिता और सकारात्मकता की आवश्यकता है। यह जनादेश इसीलिए था।

भारत के इतिहास में हुआ पहली बार

गौरतलब है कि विजयराघवगढ़ का “जनादेश” गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए। क्योंकि इस तरह से चुनाव से पहले स्वघोषित चुनाव कराने की कोई परंपरा न तो बीजेपी में रही है न ही मध्यप्रदेश में इससे पूर्व कभी हुआ है लेकिन पहली बार भारत के इतिहास में किसी बीजेपी विधायक ने इस तरह से अपना दावा मजबूत दिखाने अपना ही स्वघोषित चुनाव करा डाला। और उनके स्वघोषित चुनाव में उनको क्षेत्र की 75 प्रतिशत जनता ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए चुना है। दरअसल, विधायक संजय पाठक ने जनता के आदेश पर ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था कि अगर 50 प्रतिशत से एक भी वोट कम मिलता है तो में चुनाव नहीं लड़ूगा। मगर अब जनादेश का परिणाम संजय पाठक के राजनीतिक भविष्य को नई दिशा देगा।

संजय पाठक ने कहा कि बाबूजी हमेशा से आपके लिए सेवाभाव करते थे। विजयराघवगढ़ मेरा परिवार है। आपकी सेवा हमेशा से करता आया हूं और आगे भी करता रहूंगा। पद महत्वपूर्ण नहीं है। सेवाभाव जरूरी है। बाबूजी से हमने यही विरासत में पाया है।

कटनी से अभिषेक दुबे की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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