कटनी, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां देश में कृषि कानूनों को लेकर किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में धान खरीदी में बड़े गोलमाल की खबर सामने आ रही है। इसके बाद शिवराज सरकार (shivraj government) ने इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं।
दरअसल मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन कार्य में जुटी समितियां किसानों से ज्यादा व्यापारियों को हित पहुंचा रहे हैं। इसके लिए किसानों को गुमराह किया जा रहा है और उनके द्वारा उपचार हुए अच्छी गुणवत्ता वाली धान व्यापारियों को ठिकाने पर पहुंचाई जा रही है। साथ ही व्यापारियों की अमानत धान को वेयरहाउस (warehouse) में किसानों द्वारा खरीदा धान बताकर ठिकाने लगाया जा रहा है। शिकायत मिलने के बाद राज्य सरकार ने जिले में अधिकारियों की टीम भेजी। इन जांच दलों द्वारा धान उपार्जन कार्य में जुटे 5 समितियों में भारी गड़बड़ी पाई गई है।
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बता दें कि मामला कटनी जिले का है। जहां धान उपार्जन में जुटी समितियां किसानों से खरीदे धान को व्यापारियों को सौंप रही है और उनके द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अमानक धान को वेयरहाउस में जगह दे रही है। जिसके बाद राज्य सरकार के आदेश पर जांच दल गठित किए गए थे कटनी पहुंचे जांच दल ने 5 समितियों की जांच की। जिसमें चौका केलवारा समिति, गंगा स्व सहायता समिति कृषि उपज मंडी कटनी और कन्हवारा समितियों में बारदाना में कमी देखी गई। इस दौरान जांच दल को भौतिक सत्यापन के दौरान 1600 बारदाने की कमी सामने आई है।
जांच दल ने पाया है कि मंडी और खरीदी केंद्रों में बिकने वाले किसानों द्वारा उपचार धान व्यापारियों के अवैध गोदाम में भेजे जा रहे हैं और इनमें विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। वही जांच दल द्वारा धान खरीदी केंद्र में आए अमानक धान जब्त कर लिए गए हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा रही है।