खंडवा। सुशील विधानी| कलेक्टर परिसर में धरने पर बैठे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने आज अजाक कार्यालय में जहर खा कर आत्महत्या का प्रयास किया। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पिछले छः महीने से सैलरी नहीं मिलने से परेशन हैं। अपनी मांगो को लेकर करीब एक माह से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी धरने पर बैठे हुए हैं। आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने पहले प्रशासन को जगाने के लिए मुंडन कराया यहाँ तक की भीख भी मांगी लेकिन इनकी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद आज उन परेशान कर्मचारियो ने ये घातक कदम उठाया।
खंडवा के आदिम जाति कल्याण विभाग में उस समय हड़कंप मच गया जब दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी दम्पति ने आत्महत्या करने का प्रयास किया। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आदिमजाति कल्याण विभाग आयुक्त से बात करने गए थे तभी एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सुंदरलाल ने अपनी जेब से चूहा मार जहर की पुड़िया निकल कर खा ली मौके पर मौजूद पुलिस बल ने तुरंत कर्मचारी के मुँह से जहर निकलने का प्रयास किया इस बिच जहर खाने वाले कर्मचारी की पत्नी ने भी अपने होश खो दिए और अपनी जान देने की बात कही। बता दे की खंडवा में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पिछले एक माह से वेतन नहीं मिलने और विनियमितिकारण की मांग को लेकर धरना पर्दर्शन कर रहे हैं। महिला कर्मचारी ने कहा कि हमें हमारी मांगे मानने का कह कर धरना ख़त्म करवाया था पर अब वे हमारा नियमिति कारण नहीं कर रहे है। वहीं आत्महत्या का प्रयास करने वाले कर्मचारी का कहना है कि हमने अर्ध नग्न हो कर रैली निकली भीख मांगी पर हमारी मांग नहीं सुनी गई इस लिए ये कदम उठाया।
इधर आदिमजाति कल्याण विभाग का कहना हैं कि हमारे पास सक्षम अधिकारी के नियुक्ति आदेश नहीं आये है जिस कारन इनका नियमितीकरण नहीं हो प् रहा हैं। कुछ लोग मेरे पास आज अपनी मांगो को लेकर आये थे। पर उनके पर सक्षम अधिकारी के नियुक्ति आदेश नहीं है इस लिए उनकी ये मांग पूरी नहीं हो सकती हैं। यह बात उनको बताई जिससे व्यथित होकर उनमे से एक महिला और एक पुरुष ने जहर या गोलियां खाई हैं। उनको पुलिस अस्पताल लगाई हैं।
वहीं पुलिस का कहना हैं कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आदिमजाति कार्यालय सहायक आयुक्त से कार्यालय के बहार ही चर्चा कर रहे थे। इस दौरान एक व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ जेब से निकल कर मुँह में रखा वहां मौजूद पुलिस बल ने तुरंत ही उस वयक्ति के मुँह से जहरीला पदार्थ निकल लिया और पति पत्नी दोनों को जिला अस्पताल पहचाया। आंदोलन में शामिल बाकि छः लोगों पर 151 केतहत केस दर्ज कर कोर्ट पेश किया गया।