खंडवा। सुशील विधानी। “ओंकारेश्वर में 31 मार्च तक कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए बाहरी लोगों का ओंकारेश्वर में आना प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है जिसके बाद भी यहाँ कुछ लोग यूपी, बिहार से आकर अवैध मत्स्याखेट कार्य कर रहे है”।
नियम व अनुबंध की उड़ायी जा रही है धज्जियां
खंडवा जिले के ओंकारेश्वर जलासय के जलभराव क्षेत्र में ठेकेदार एवं मत्स्य महासंघ की मनमानी मिलीभगत से बाहरी बंगाली उत्तरप्रदेश और बिहार के शिकारियों से नियमों को ताक पर रखकर अवैध मत्स्याखेट कार्य करवाया जा रहा है। बाहरी शिकारियों से मत्स्याखेट करते हुए समितियों के सदस्यों ने 2 क्यूंटल 50 किलो से अधिक मछली के साथ रंगे हाथों पकड़ा आपको बता दे कि ओंकारेश्वर जलासय में मध्य्प्रदेश से बहार के शिकारियों से मत्स्याखेट कार्य करवाने की अनुमति नही है जो इस जलासय में नियम विरुद्ध किया जा रहा है। महासंघ द्वारा कागजी खानापूर्ति करके, प्रशासन धत्ता बताकर, ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए तथ्यों को छुपाया जा रहा है। मत्स्य उधोग से जुड़े कई ग्रामीण एवं समिति सदस्यों में भारी आक्रोश व्याप्त है। जलासय क्षेत्र में इस सीजन में सवल मछली का भारी मात्रा में शिकार किया जा रहा है। जलासय क्षेत्र में समितियों के सदस्यों द्वारा उन्हें एखण्ड गांव में पकड़कर मत्स्य महासंघ ओंकारेश्वर प्रबंधक अंकिता कुशवाह को जानकारी दी गयी। प्रबंधक कुशवाह द्वारा मछली जप्त कर पंचनामा बना कर अपनी कार्यवाही की गई जब समिति के अध्यक्षकों ने पंचनामा की फोटो काफी मांगना चाही तो अंकिता कुशवाहा द्वारा पंचनामा काफी देने के इनकार कर दिया गया। मत्स्य महासंघ प्रबन्धक से जब फोन पर चर्चा करना चाई तो उन्होंने अपना फोन नहीं उठाया इस कारण चर्चा नहीं हो पाई।