खंडवा | लॉकडाउन के कारण अन्य जिलों में फंसे मजदूरों को उनके घर भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। 6 बसों से कई मजदूर खंडवा से सतना, रीवा, डिंडोरी, ग्वालियर, बैतूल और हरसूद भेजे गए। इस दौरान सुरक्षा के सभी नियमों का पालन किया गया। मजदूरों को घर रवाना करने से पहले सर्किट-हाउस के पास स्थित छात्रावास परिसर में स्वादिष्ट भोजन कराया गया।
9 जिलों के 44 और बिहार के 14 मजदूरों को सर्किट हाउस के पास बने हॉस्टल और हरसूद से रवाना किया। ये वाहन प्रदेश के मजदूरों को उनके घर और बिहार के लोगों को प्रदेश की सीमा तक छोड़ेंगे, ताकि वे आसानी से अपने निवास तक पहुंच जाएं। जहानाबाद (बिहार) जिले के रहने वाले चंदन चौहान ने बताया कि वह नासिक में मजदूरी करते थे। लॉकडाउन होने से फैक्ट्री मालिक ने सभी मजदूरों को नौकरी से निकाल दिया। खाने-पीने और रुकने की समस्या को देखते हुए वे नासिक से खण्डवा तक पैदल आ गये। इतने लम्बे समय से पैदल चलने से पैरों में छाले पड़ गये थे। खण्डवा पहुँचने पर अन्य प्रवासी मजदूरों के साथ उनका छात्रावास में इंतजाम किया गया। यहाँ भोजन की भी सुविधा थी। एक अन्य प्रवासी मजदूर सत्येन्द्र पासवान, जो बिहार के रहने वाले हैं, उन्होंने भी खण्डवा में रुकने और खाने-पीने के इंतजाम की सराहना की। खण्डवा से 3 बस और एक जीप से इन मजदूरों को उनके रवाना किया गया। बिहार राज्य के 14 मजदूरों को मध्यप्रदेश की सीमा तक विशेष वाहनों से पहुँचाने की व्यवस्था की गई।