निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हो सकतीं हैं जयश्री ठाकुर, कांग्रेस-बीजेपी को देंगी टक्कर

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खंडवा। सुशील विधानी। 

खंडवा संसदीय सीट से 1952 में कांग्रेस के बाबूलाल तिवारी दो बार सांसद चुने गए। इसके बाद महेश मिश्रा और दो बार गंगाचरण दीक्षित चुने गए। यानी कुल 16 चुनाव हुए है। जिनमें तिवारी-दीक्षित दो बार और सबसे अधिक 5 बार सांसद बनने का श्रेय नंदकुमारसिंह चौहान को जाता है। वे निमाड की राजनीति में सबसे अधिक लोकप्रिय नेता के रूप में उभरकर सामने आए है। खंडवा लोकसभा के 16 चुनाव में कांग्रेस से 9 बार सांसद चुने गए। वहीं बीजेपी से 6 बार तो एक बार भारतीय लोक दल से परमानंद गोविंदजीवाला चुने गए। लोकसभा सीट पर बुरहानपुर ने 11 सांसद दिए हैं जबकि खंडवा ने 4 और खरगोन ने 1 सांसद। अकेले सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ही 5 बार सांसद चुने गए है। सातवीं बार भी उनकी दावेदारी नया रिकार्ड बना सकती है। यानी कह सकते हैं कि बुरहानपुर में आजादी के बाद से ही कद्दावर नेता बडी संख्या में उभरे हैं। लेकिन संसदीय क्षेत्र के संपूर्ण विकास के साथ पिछड़े जिले व गांवों के विकास की बात करें तो जनता यही कह रही है कि विकास तो हुआ है लेकिन क्षेत्र का संपूर्ण विकास नहीं हुआ है। ना निर्मल गांव हुए और ना आदर्श ग्राम बना। भाजपा और कांग्रेस ने सिर्फ जमकर सत्ता की मलाई खाई है।


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