खंडवा/सुशील विधानी
जहां एक तरफ प्रदेश भर में शराब दुकानें खोलने की तैयारियां है वहीं एक महिला कलेक्टर ने हिम्मत दिखाते हुए फैसला लिया है कि उनके जिले में शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी। खंडवा कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल (collector tanvi sundriyal) ने फैसला लिया है कि खंडवा में 17 मई तक शराब की दुकानें किसी हालत में नहीं खोली जाएंगी। कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल (collector tanvi sundriyal) और क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है।
एक तरफ जहां प्रदेश में शराब (liquor) और भांग की दुकानों को खोलने के लिए बार बार नियम बदले जा रहे हैं, शराब ठेकेदार सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट तक चले गए और आखिरकार सरकार ने उनके सामने हार मानते हुए शराब दुकानों को सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति दे दी, वहीं खंडवा कलेक्टर का ये फैसला बेहद सराहनीय है। पिछले कई दिनों से शराब (liquor) को लेकर चल रही उठापटक के बीच कलेक्टर द्वारा खंडवा (khandwa) में शराब की दुकानें (liquor shop) नहीं खोलने के निर्णय ने एक मिसाल पेश की है। जिला प्रशासन द्वारा पारित आदेश के अनुसार खंडवा में कोविड 19(Corona) के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि अगर खंडवा शहर और कंटेंटमेंट एरिया को छोड़कर भी शराब की दुकानें खोली गई तो लोग घरों से निकलकर शराब की दुकानों पर पहुंच जाएंगे, जिससे सोशल डिस्टेंस (social distance) का पालन कराना कठिन हो जाएगा। इसलिए खंडवा में कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल (collector tanvi sundriyal) और क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि खंडवा जिले में कहीं भी शराब की दुकान नहीं खुलेंगी ।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को राज्य सरकार (government) ने शराब माफियाओं (liquor mafia) की जुगलबंदी के सामने घुटने टेकते हुए शराब दुकानों को दिनभर खोलने की अनुमति दी थी। वाणिज्य कर विभाग (commercial tax department) से एक आदेश (circular) जारी किया गया है जिसमें शराब की दुकानें सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खोलने का निर्णय लिया गया।
दरअसल दो दिन पहले जब शराब की दुकानें खोलने का निर्णय हुआ था, उस समय हर जिले के कलेक्टर ने अपने अपने हिसाब से शराब की दुकानें 5 से 6 घंटे खोलने का निर्णय लिया था, जिसके विरोध में शराब व्यवसायियों ने दुकानें बंद रखने और उसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाने का निर्णय लिया । इसके बाद आनन-फानन में सरकार ने यह निर्णय लिया कि अब शराब की दुकाने 12 घंटे के लिए खुलेंगी। हालांकि रेड जोन ((red zone) में आने वाले भोपाल (bhopal) इंदौर (indore) और उज्जैन (ujjain) जिले में अभी शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी । वहीं रेड जोन के अन्य क्षेत्रों में केवल ग्रामीण क्षेत्रों (rural area) की दुकानें खोली जाएंगी, ऑरेंज जोन (orange zone) में कंटेनमेंट एरिया (containment area) को छोड़कर शहरी और ग्रामीण सभी दुकानें खुल सकेंगी। जबकि ग्रीन जोन (green zone) में सारी शराब की दुकानें खोली जाएंगी। सरकार का तर्क है कि अप्रैल से लेकर अब तक उसे अट्ठारह सौ करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो चुका है, हालांकि अन्य राज्यों में शराब की दुकानें खुलने के बाद शराब दुकानों पर उमड़ी भीड़ और सोशल डिस्टेंसिंग (social distancing) की उड़ी धज्जियो ने यह बता दिया है कि शराब की दुकान खोलना किसी भी प्रकार से जनहित में नहीं है और यह कोरोना (corona) संक्रमण फैलाने में एक महत्वपूर्ण तत्व साबित हो सकता है। उसके बावजूद राजस्व घाटे की पूर्ति के लिए सरकार यह निर्णय लेने जा रही है।