Khandwa News : मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से एक बड़ी खबर आ रही है जहाँ आनंदनगर स्थित मिशनरी स्कूल,सेंट पायस स्कूल में बुधवार को सामूहिक प्रार्थना के दौरान कलमा पढ़ाए जाने को लेकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता विरोध में उतर आए हैं। कार्यकर्ताओं ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग को लेकर गुरुवार को एसडीएम अरविंद चौहान को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से पूरे मामले की जांच करने की मांग भी उठाई गई है। यदि मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गई।
गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में एसडीएम कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि आनंद नगर स्थित सेंट पायस स्कूल में ईद के एक दिन पूर्व प्रार्थना के समय कार्यक्रम किया गया। इसमें हिंदू विद्यार्थियों के समक्ष कलमा व नमाज पढ़वाने का कृत्य स्कूल प्रबंधन द्वारा किया गया। इसका संपूर्ण हिंदू समाज व विश्व हिंदू परिषद पुरजोर विरोध करता है।
इस घटना से स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पालकों के साथ ही हिंदू समाज में अत्यंत रोष है। उनका आरोप था कि ईसाई मिशनरी संस्था द्वारा इस स्कूल का संचालन किया जा रहा है, जो पूर्णतः हिंदू विरोधी है। यहां विद्यार्थियों को तिलक, कलावा, कड़ा, बाली, पायल, बिंदी इन सब पर प्रतिबंध है।
पूर्व में इस स्कूल में बगैर अनुमति यूथ कन्वेंशन के नाम पर 500 से अधिक आदिवासी युवाओं को ईसाई धर्म की शिक्षा देने हेतु लाया गया था, इसका भी विश्व हिंदू परिषद ने विरोध किया था। इस पर प्रशासन द्वारा प्रबंधक पर कार्रवाई की गई थी। विश्व हिंदू परिषद ने स्कूल में लगे सीसीटीवी फुटेज निकलवाने के लिए डीवीआर तत्काल जब्त करने की मांग की है।
विहिप नेता ने कहा कि कार्रवाई नहीं होती है तो विरोध स्वरूप सड़क पर उतरेंगे। इस मामले में हिंदू जागरण मंच के अनिस अरझरे का कहना है कि प्रशासन को स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच करनी चाहिए।हमने जिला शिक्षा अधिकारी को भी मामले से अवगत कराया है।
इधर एसडीएम अरविंद चौहान का कहना हैं कि स्कूल में मुस्लिम विद्यार्थियों द्वारा प्रार्थना सभा में कलमा पढ़ाने की शिकायत की गई है। इस पूरे मामले में जांच के लिए जिला शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी पीएस सोलंकी का कहना है कि मामले में स्कूल को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।
खंडवा से सुशील विधाणी की रिपोर्ट