सुशील विधानी/खंडवा। आखिरकार 8 साल की मट्ठू उसकी माँ को सौंप दी गई। माँ को देखते ही बच्ची उनसे लिपटकर रो पड़ी। इससे पहले का घटनाक्रम देखें तो मिट्टू के साथ दुखद वाकया हुआ। बाल कल्याण समिति के कुछ सदस्यों ने बेटी को दो दिन माँ से नहीं मिलने दिया गया। कलेक्टर,एडीएम और सामाजिक कार्यकर्ता सुनील जैन के हस्तक्षेप के बाद ये का निर्णय लिया गया।
आपको बता दें कि 13 फरवरी को आठ वर्षीय मिट्ठू उर्फ पायल जिला अस्पताल के सांई मंदिर के पास अपने माता-पिता से बिछड़ गई थी। दो घंटे ढूंढने के बाद पायल की मां कालीबाई और पिता राधेश्याम मोहे ने तत्काल मोघट थाने पहुंचकर अपनी बच्ची के गुम होने की सूचना दर्ज कराई। मोघट थाने में ही उन्हें जानकारी मिली कि बच्ची को चाइल्ड लाईन के सदस्य ले गए हैं। माता-पिता तुरंत चाइल्ड लाइन कार्यालय पहुंचे और अपनी बच्ची को देने का अनुरोध किया। कार्यालय के सदस्यों ने कहा कि यह बच्ची आपको बाल कल्याण समिति द्वारा ही प्राप्त हो सकेगी। पायल के माता-पिता दूसरे दिन जनपद कार्यालय पहुंचे और समिति की सदस्य शिल्पी राय से अपनी बच्ची को सौंपने का अनुरोध किया। इस पर शिल्पी राय ने बच्ची और मां के आधार कार्ड, राशन कार्ड सहित अन्य शासकीय पहचान दस्तावेजों की मांग की। इस पर पायल की मां कालीबाई ने कहा कि हम बंजारे लोग है और इधर-उधर एक गांव से दूसरे गांव भटकते रहते हैं अत: हमारे पास कोई भी शासकीय दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। शिल्पी राय ने उन्हें कहा कि मंगलवार को समिति के सदस्यों की बैठक होगी तभी आपकी बच्ची को सौंपने का निर्णय हो पाएगा। इस पर मां-बाप ने कहा कि हम मंगलवार सरपंच और सचिव को ले आएंगे, लेकिन वन स्टाप सेंटर में रह रही हमारी बच्ची से हमारी मुलाकात करवा दें। लेकिन सदस्य शिल्पी राय ने मुलाकात करवाने से मना कर दिया।
समाजसेवी सुनील जैन और जिला पंचायत सदस्य रणधीर कैथवास को भी इस बात की जानकारी मिली तो वे जनपद कार्यालय पहुंचे और उन्होंने भी बच्ची को माता-पिता से मिलवाने का अनुरोध किया, लेकिन शिल्पी राय नहीं मानी। इस पर समाजसेवी सुनील जैन ने एडीएम नंदा भुलावे कुशरे एवं महिला बाल विकास अधिकारी अंशुबाला मसीह से माता-पिता से बच्ची को मिलवाने का अनुरोध किया। दोनों अधिकारियों के दखल के बाद शिल्पी राय ने माता-पिता को बच्ची से मिलने की अनुमति दी। तब कालीबाई और राधेश्याम सहित गांव के सरपंच अशोक काजले, समाजसेवी सुनील जैन वन स्टाप सेंटर पहुंचे और बच्ची से मिले। माता-पिता को देख बच्ची मां से लिपट गई और काफी खुश नजर आई। उसके पश्चात तीन दिनों तक दस-पंद्रह मिनट के लिए माता-पिता बच्ची से मिलने आने लगे।
मंगलवार को बाल कल्याण समिति की बैठक आयोजित हुई जिसमें समिति के सदस्य अनिता शाह, संजय शुक्ला और मो. इरशाद हिन्दुस्तानी ने पायल के माता-पिता के साथ बच्ची की काउंसिलिंग करवाई और उपस्थित गांव के सरपंच, सचिव एवं समाजसेवी सुनील जैन, रणधीर कैथवास से भी सदस्यों ने चर्चा की। दोपहर 3 बजे मिट्ठू उर्फ पायल के सुपुर्दगी के आदेश सदस्यों द्वारा कर दिए गए। आदेश में लिखा गया कि बालिका मिट्ठू उर्फ पायल माता कालीबाई पति राधेश्याम मोहे उम्र आठ वर्ष के संबंध में 18 फरवरी को पाया गया कि बालिका मिट्ठू उर्फ पायल के लिए देखरेख एवं संरक्षण की आवश्कता है। माता कालीबाई निवासी ग्राम पंचायत गोकुल गांव ग्राम मथेला जिला खंडवा बालिका को लेने आए हैं। माता द्वार प्रतिज्ञा पत्र भरने पर बालिका को उनके पर्यवेक्षण में रखा जाता है और समिति संतुष्ट है बालिका का सर्वोत्तम हित उसके परिवार में है। अत: बालिका को उसके माता-पिता कालीबाई पर्यवेक्षण में रखने संबंधी आदेश जारी करना हितकर होगा। बालिका को आगामी अवधि के लिए माता के पर्यवेक्षण में रखा जाए इसके लिए उन्हें कुछ शर्ते भी माननी होगी। मंगलवार दोपहर 3 बजे न्यायपीठ, बाल कल्याण समिति जिला खंडवा के सदस्य अनिता शाह, संजय शुक्ला, मो. इरशाद हिन्दुस्तानी के आदेश पत्र के पश्चात मिट्ठू उर्फ पायल को माता कालीबाई और पिता राधेश्याम मोहे को समाजसेवी सुनील जैन, रणधीर कैथवास की मौजूदगी में सौंपा गया। इस अवसर पर चाइल्ड लाइन और वन स्टाप सेंटर के सदस्य भी मौजूद थे।