खंडवा| लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा में गुटबाजी भी खुलकर सामने आने लगी है| चुनावी तैयारियों के मद्देनजर, खंडवा के छैंगांव माखन स्टेडियम में आयोजित भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा संयोजक पालक एवं बूथ समिति कार्यकर्ता सम्मेलन में उस वक्त हंगामा मच गया जब खंडवा लोकसभा सीट के प्रबल दावेदार एवं खंडवा संसदीय सीट के सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के भाषण के दौरान कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए|
सांसद कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे, इस दौरान कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा बार-बार नारे लगाते हुए व्यवधान उत्पन्न करने पर पार्टी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान तैश में आ गए। उन्होंने यहां तक कह दिया ये बदमाश लोग। ये गद्दार हैं। ये पार्टी विरोधी हैं। पार्टी का भला नहीं चाहते। ये लोग पार्टी के खिलाफ हैं। स्थिति को बिगड़ता देख पार्टी प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने फौरन मोर्चा संभाला। कार्यक्रम में मना करने के बावजूद कुछ लोग बार-बार निमाड़ की नैया नंदू भैया के नारे लगा रहे थे। इन्हें समझाइश देने गए कुछ कार्यकर्ताओं में विवाद हो गया। पुलिसकर्मियों को हस्तक्षेप कर विवाद करने वालों को दूर करना पड़ा। विधायक देवेंद्र वर्मा, सांसद और प्रदेश अध्यक्ष की समझाइश के बावजूद लोग नहीं माने तो सांसद तैश में आ गए। उनके गुस्से को शांत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने माइक हाथ में लिया और लोगों को समझाइश दी। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष ने सम्बोधित किया|
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश लोकसभा प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह , भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह , और अर्चना चिटनिस सहित स्थानीय विधायक और नेता मंच पर उपस्थित थे। बार बार समझाने के बावजूद भीड़ में मौजूद लोग आपस में उलझते रहे , जिन्हें शांत कराने के लिए खंडवा भाजपा जिलाध्यक्ष हरीश कोटवाले को भीड़ के बीच जाना पड़ा। तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। जिसके बाद मध्यप्रदेश लोकसभा प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह जो यूपी सरकार में परिवहन मंत्री हैं ने अपने भाषण के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं को सीख दी। फिर कार्य्रकम को सांसद नंद कुमार सिंह ने दोबारा सम्बोधित किया। जब इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से पूछा गया तो उन्होंने किसी भी तरह के विवाद होने को नकार दिया।
बता दें कि खंडवा सीट से इस बार कुछ नेता चेहरा बदलना चाहते हैं, स्थानीय कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के सामने भी यह मांग रखी है कि मोदी जी को वापस लाना है तो चेहरा बदला जाए| वहीं विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस भी संसदीय क्षेत्र में सक्रिय है| जिसके चलते दो दिग्गज नेताओं के बीच का टकराव चुनावी माहौल में खुलकर सामने आने लगा है| समर्थक अब आपस में लड़ने भिड़ने को तैयार हैं|