खंडवा।
मध्यप्रदेश में एक बार फिर किसानों पर प्याज के कम होते दामों ने आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है। हालात ये हो गए है कि किसानों को प्याज से फायदा तो दूर उसे मंडी तक ले जाने का भाड़ा भी नहीं निकल पा रहा है।मंडी में किसानों को प्याज के पांच रुपये किलो से भी कम दाम मिल रहा है, जिससे किसान बेचने के बजाए मंडी में फेंकने को मजबूर हो रहा है।ताजा मामला खंडवा से सामने आया है जहां सही दाम ना मिलने से नाराज किसानों ने सड़कों पर प्याज फेंक दी । तो कुछ किसानों ने पशुओं को खाने के लिए अपने प्याज डाल दिए। इसकी साथ ही किसानों ने सरकार को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
दरअसल, बंपर आवक होने के बावजूद किसानों को प्याज के सही दाम नही मिल रहे है, स्थिति ये हो गई है कि मंडी में प्याज बेचने पर ना तो भाड़ा निकल पा रहा है और नही लागत।इसी के चलते जिले के बावड़िया काजी में किसानों ने प्याज के दाम सही नहीं मिलने पर इन्हें सड़कों पर फेंक दी।कुछ किसानों ने पशुओं को खाने के लिए अपने प्याज डाल दिए। यहां प्याज 3 रुपए किलो में बिक रहा है, जबकी वही प्याज मंडियों में खुले में 20 रुपए किलो में बिक रहा है। इससे किसानों को लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा। जिसके चलते किसानों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। किसानों का कहना है कि 8 मार्च को वे निगम के सामने प्रदर्शन करेंगे और मुफ्त में प्याज बाटेंगे।
बता दे कि मध्यप्रदेश महाराष्ट्र के बाद देश में दूसरा सबसे ज़्यादा प्याज उत्पादन करने वाला राज्य है। मप्र में मालवा-निमाड़, सागर, दामोह में प्याज की बंपर पैदावार होती है। बावजूद इसके हर साल प्याज के गिरते दामों से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह पहली बार नहीं है जब मध्यप्रदेश में किसानों को ऐसा करना पड़ रहा है। इससे पहले भी प्रदेश में यह स्थिति बन चुकी है कि किसानों को अपनी फसल का लागत मुल्य नहीं मिलने पर इन्हें फेंकना पड़ा।