खरगोन, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारी (corrupt employees) कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है। आए दिन लोकायुक्त (indore lokayukt) की धरपकड़ के बीच बीएमओ (khargone bmo) को लोकायुक्त इंदौर ने रिश्वत (Khargone Bribe) लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के इंदौर संभाग के झिरन्या बीएमओ दीपक जायसवाल द्वारा गांव में क्लीनिक चलाने के एवज में ₹10000 रिश्वत की मांग की गई थी।
इस मामले में अंकित बिरला पिता इंदर लाल बिरला ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज की थी। जिसमें कहा गया था कि वह आभापुरी गांव में क्लीनिक चलाते हैं। क्लीनिक संचालित करने के एवज में उनसे झिरन्या खरगोन बीएमओ डॉ दीपक जायसवाल द्वारा ₹10000 रिश्वत की मांग की जा रही थी। मामले में रुपए नहीं देने की स्थिति में क्लिनिक चलाने की अनुमति नहीं देने की बात कही गई थी।
इसके बाद 13 जून को इंदौर पहुंचकर लोकायुक्त में पीड़ित ने इसकी शिकायत की। 14 जून को बीएमओ से बातचीत में टैप किया गया। वही शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम द्वारा मामले की जांच की गई।
जांच की सत्यता सामने आने के बाद टीम ने अंकित के साथ मिलकर डॉ दीपक के खिलाफ सबूत जुटाए और पीड़ित को फोन पर उनसे बात करने को कहा। Plan के तहत रिश्वत संबंधी बात रिकॉर्ड होने के बाद रिश्वत की मांग की गई राशि की एक किस्त के साथ बुधवार को अंकित ने जैसे ही रिश्वत के हिस्से ₹4000 डॉक्टर दीपक को दिए।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक बीएमओ को पकड़कर चैनपुर थाना लाया गया है। पूछताछ जारी है। साथ ही बीएमओ पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की जाएगी।