Kuno Cheetahs: आशा ने कूनो के बाहर की चहलकदमी, ओवान ने किया चिंकारा का शिकार, वन विभाग ने बढ़ाई सुरक्षा

Diksha Bhanupriy
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Kuno Cheetahs News: कूनो नेशनल पार्क में लाए गए नर और मादा चीतों से जुड़ी कोई ना कोई जानकारी लगातार सामने आती रहती है। ताजा जानकारी के मुताबिक नर चीता ओवान के बाद अब मादा चीता आशा भी शिकार के लिए नेशनल पार्क से बाहर निकल चुकी है। उसे वीरपुर-विजयपुर इलाके में ट्रेस किया गया है और दो-तीन दिन में उसे कई बार बफर जोन वाले जंगल और आसपास के खेतों में स्पॉट किया गया है।

Kuno Cheetahs की बढ़ाई गई सुरक्षा

आशा अधिकतर वक्त नदी के आसपास गुजार रही है और वन अमला ओवान और मादा चीता पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए हैं। इनकी चहलकदमी को बढ़ता देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम भी बढ़ा दिए गए हैं और शिकारियों से इनकी रक्षा करने के लिए ट्रेंड डॉग की तैनाती कर दी गई है।

40 किमी दूर हैं आशा और ओवान

कूनो से निकले इन दोनों चीतों के बीच की दूरी अभी 40 किलोमीटर बनी हुई है। आशा फिलहाल धौरेट सरकार के जंगल में है और ओवान की लोकेशन शिवपुरी के पोहरी क्षेत्र के जंगलों में मिल रही है। ओवान को पहली बार झार बड़ौदा गांव में देखा गया था और आशा अभी यहां से 9 किलोमीटर दूर है।

कूनो के कर्मचारियों के मुताबिक रविवार को दोनों चीते धौरेट सरकार सरकार के जंगल में एक दूसरे के करीब थे तब इनके बीच की दूरी सिर्फ 100 मीटर की थी.

ओवान ने किया शिकार

चीता ओवान ने बुधवार को चिंकारा का शिकार किया था. इसके पहले शनिवार को उसने गाय का शिकार किया था। वन विभाग के अमले के मुताबिक चीता तब से ही भूखा था और उसके शिकार करने के बाद प्रबंधन राहत की सांस ले पाया है।

रिहायशी इलाके में हो सकती है एंट्री

बताया जा रहा है कि नर चीता की लोकेशन शिवपुरी के जंगल से सटे पोहरी इलाके के सुमेड बैचाई गांव के पास मिल रही है। कूनो से निकलने के बाद सबसे पहले उसे विजयपुर के झार बडौद और फिर पार्वती बडौद के आसपास देखा गया था।

मंगलवार को वह विजयपुर के नहाड शिलपुरा में रहा और शाम को अगरा वन रेंज के जंगल वापस पहुंच गया था। फिलहाल वह कूनो के रिजर्व जोन में नहीं पहुंचा है इसलिए ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह एक बार फिर रिहायशी इलाकों के करीब पहुंच सकता है। उसकी गर्दन में रेडियो कॉलर लगा है जिससे हर पल उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है।

सेहत का खतरा

इस समय कूनो और इसके आसपास के इलाके में अधिकतम तापमान 33 डिग्री तक देखा जा रहा है। ऐसे में अगर चीते ज्यादा समय तक भूखे प्यासे रहेंगे तो उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में उन्हें हीट स्ट्रोक या डिहाइड्रेशन का खतरा है लेकिन कूनो से लगातार चार दिन बाहर रहकर ओवान ने ये साबित कर दिया है कि वो किसी भी परिवेश में अपने दम पर रह सकता है। वहीं अब वन अमले की नजर आशा पर है।

ग्रामीणों में दहशत

नेशनल पार्क कूनो के रिहायशी इलाके में लगातार चीते देखे जा रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है और लोगों ने खेतों की ओर जाना बंद कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि इन्हें सेंचुरी में ही रोका जाए और प्रशासन और सरकार जल्द से जल्द इंतजाम करें ताकि ग्रामीण सुरक्षित रह सके। वहीं वन विभाग के अफसर ग्रामीणों को समझाइश दे रहे हैं और बता रहे हैं कि इंसानों को चीतों से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह इंसानों का शिकार नहीं करते हैं।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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