भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्लॉट बेचकर 250 लोगो से कथित तौर पर 14 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर रमाकांत विजयवर्गीय को राजधानी की एडीजे डाॅ. धर्मेंद्र टाडा की कोर्ट ने उम्रकैद और 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी फर्जी दस्तावेज तैयार कर (पंचवटी फेस-3/पंचवटी एन्क्लेव) के नाम पर भूखंड बेचकर अच्छे-खासे पैसे ऐंठ रहा था।
गुरुवार को एडीजे डाॅ. धर्मेंद्र टाडा की कोर्ट ने सजा के तौर पर अपना फैसला सुनाया। शासन की तरफ से प्रकरण में पैरवी एजीपी निसार अहमद ने की। जानकारी के मुताबिक 20 जून 2010 को कोहेफिजा पुलिस ने एमएम परिहार की शिकायत पर डिस्टिंक्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (पंचवटी फेस-3/पंचवटी एन्क्लेव) के मैनेजिंग डायरेक्टर रमाकांत विजयवर्गीय के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।
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परिहार ने 12 जुलाई 2005 में ग्राम लाउखेड़ी स्थित पंचवटी कॉलोनी, एयरपोर्ट रोड में ए-40 नंबर प्लाट (2700 वर्गफीट) के लिए 6.07 लाख रुपए देकर अनुबंध किया था। अनुबंध के मुताबिक तीन साल में जगह का डवलपमेंट कर प्लॉट की रजिस्ट्री होनी थी।
लेकिन तीन साल बाद भी कालोनी का विस्तार नहीं हुआ और रजिस्ट्री कराने को भी लेकर आनाकानी की जा रही थी। इसके बाद परिहार ने नजूल कार्यालय से जानकारी हासिल की तो पता चला कि उक्त खसरा नंबर की जमीन रमाकांत विजयवर्गीय के नाम ही नहीं है।
ठगी कर हुआ फरार, नाम के साथ हुलिया भी बदला
मुकदमा दर्ज होने पर रमाकांत इंदौर शिफ्ट हो गया, जहां वह हुलिया बदलकर रामकुमार व्यास के नाम से विजयनगर में रहने लगा। इस दौरान वह नमकीन की सप्लाई और एक ट्रेवल एजेंसी भी चलाने लगा।
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यही नहीं, उसने फर्जी पहचान-पत्र भी बनवा लिया था। लेकिन कानून के हाथ बहुत लंबे होते है, दो साल पहले उसे पुलिस तब दबोच लिया जब वह हुलिया बदलकर इंदौर से भोपाल आ रहा था।