मन्दसौर।तरुण राठौर।
जिले में कोरोना का पहला केस सामने आने से प्रशासन और अधिक सख्त हो गया है नगर में कर्फ्यू लगा दिया। जबकि जिले के बाकी हिस्सों में लॉक डाउन लगा हुआ है। विपदा की इस घड़ी में डॉक्टर, पुलिसकर्मियों सहित प्रशासन के कई विभाग के कर्मचारी डटे हुवे है। मंदसौर जिले के गरोठ तहसील में शिक्षा विभाग के कर्मचारी एवं आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को सर्वे कार्य मे लगाया गया है। कोरोना के चलते उनके पास इस महामारी से बचने के लिए न तो को एम19 मास्क है न नहीं पीपीटी कीट ओर न नहीं ग्लोबज। उसके बाद भी ये रणवीर साधारण रुमाल को मुंह पर लगाकर बिना ग्लोबज पहने इस महामारी के बीच अपना कार्य बखूबी अंजाम दे रहे है। ऐसे में यदि किसी को कोरोना वायरस की चपेट में आजाता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ? फील्ड में काम कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि प्रशासन ने हमें बिना किट दिए सर्वे के लिए मैदान में उतारा है। हम बिना किट के ही नगर सहित पूरे ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे कर रहे बिना अपनी जान की परवाह किए। हमारे पास मास्क नही होने पर साधारण रुमाल को मुँह पर बांध कर ओर बिना ग्लोबज के हम लोगो के बीच जा रहे है। जब हमने किट की मांग की तो उच्चअधिकारी का कहना है कि हमारे पास किट नही है आप ऐसे ही क्षेत्र में सर्वे करे। जिसको देख लग रहा है कि प्रशासन अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर कितने सजग है। वह उनके इस रवैये से पता लग रहा है।