अजब गजब: मंदसौर में निकाली गई जिंदा व्यक्ति की शव यात्रा, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

Manisha Kumari Pandey
Published on -

Mandsaur News: मध्यप्रदेश के मन्दसौर जिले से बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक जिंदा आदमी की शव यात्रा निकाली गई। सड़क पर चल रहे लोगों ने प्रार्थना की। दरअसल, लंबे समय से जिले में बारिश न होने पर लोगों ने कई टोटके अजमाएं। लेकिन किसी का लाभ नहीं हुआ। अंत में लोगों के प्राचीन मान्यता का पालन करते हुए जीवित व्यक्ति की शव यात्रा निकाली, जिसमें कई लोगों ने हिस्सा लिया।

ये है पूरा मामला

मौसम विभाग ने भी विगत दिनों मन्दसौर जिले को सूखा क्षेत्र घोषित कर दिया था। ऐसे में यहां के लोग बड़े निराश थे। हालांकि कुछ पल की वर्षा लोगों की आवश्यकता की आपूर्ति नहीं कर पाई। जिले में गर्मी का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। बादल तो नजर आते हैं, लेकिन बारिश की बूंदे जमीन तक नहीं आती। किसानों को अपने सोयाबीन के फसल की चिंता है। प्राचीन मान्यता है कि किसी जीवित व्यक्ति की शव यात्रा लोगो द्वारा निकाली जाए तो बारिश हो सकती है । ऐसे में बड़ी दिक्कत ये भी थी कि जिंदा रहते शव यात्रा कौन निकलवाए ? ऐसे में चैतन्य सिंह सामने आए और अपनी शव यात्रा निकलवाने को तैयार हुए ।

शहर भर में घुमाई गई शवयात्रा

बता दें कि चैतन्य सिंह एक साल पहले तक शेख जफर थे । एक साल पहले ही उनहोने हिन्दू धर्म अपनाया है। मौके पर बाकायदा शव वाहन व ढोल बाजे बुलाए गए। पूरे संस्कारो के साथ अर्थी तैयार हुई और चैतन्य सिंह को उठाकर उस अर्थी पर लेटाया गया और उनकी जिंदा रहते शव यात्रा पूरे मन्दसौर में घुमाई गई । इस शव यात्रा में शहर के कई लोग भी शामिल हुए। लोगों का मानना है कि अब इस से भी प्रभु प्रसन्न हो जाए और बादल बरस जाए तो राहत मिल जाए। हालांकि ये सारी बातें विज्ञाननही मानता, यह बस एक आस्था है जिस पर देश मे एक बड़ा हिस्सा यकीन करता है।

चैतन्य सिंह ने क्या कहा?

चैतन्य सिंह का कहना है कि, “आम नागरिकों को इससे सीख लेनी चाहिए। यह पर्यावरण के साथ हो रहे खिलवाड़ और पेड़ों की कटाई का ही परिणाम है। भगवान इन्द्र देव से प्रार्थना है कि प्रभु हमे वो दिन मत दिखाओ जब जलसंकट आने पर लोगों की ऐसे ही शवयात्रा निकलें।”

मंदसौर से राकेश धनोतिया की रिपोर्ट


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News