ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस ने नकली नोट गिरोह (Fake Note Gang) के मास्टर माइंड रुसी करकुल्ला को आंध्रप्रदेश (AP) से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस इसे न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगेगी जिससे ये पता चल सके कि ये अब तक कहाँ कहाँ और कितने रुपये के नकली नोट मार्केट में खपा चुका है। पूछताछ में पता चला है कि ये मास्टर माइंड रुसी करकुल्ला मर्चेंट नेवी की ट्रेनिंग भी कर चुका है।
ग्वालियर Gwalior) की पुरानी छावनी थाना पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। एक सप्ताह पहले पुलिस ने शहर की बदनाम बस्ती बदनापुरा से रोहन बेड़िया नामक युवक को नकली नोट के साथ गिरफ्तार किया था जिसके पास से 4700 रुपये के नकली नोट मिले थे। पुलिस ने जब रोहन से नकली नोटों के बारे में पूछ्ताछ की तो उसने बताया कि ये नोट उसे रुसी करकुल्ला नामक व्यक्ति ने मुंबई में दिए थे।
आरोपी रोहन ने बताया कि रुसी करकुल्ला से उसकी मुलाकात मुंबई में हुई थी। बाद में ग्वालियर के बदनापुरा एक युवटी से उसकी मुलाकात हुई और फिर दोनों ने शादी कर ली। रुसी करकुल्ला मुंबई में नकली नोट का कारोबार करता था जिसने रोहन की मदद से इसे ग्वालियर तक पहुंचा दिया। रोहन ने बताया कि वो भी मुंबई में ही रहता था लेकिन पिता की मौत के बाद ग्वालियर आ गया था। उसकी दो बहने भी मुंबई में ही रहती हैं उनके दोस्त ने मुझे नकली नोट दिए थे।
सीएसपी रवि भदौरिया के मुताबिक रोहन बेड़िया से पूछताछ के बाद पुलिस उसे लेकर रुसी करकुल्ला के ठिकाने वारंगल आंध्रप्रदेश पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लाई। पुलिस को उम्मीद है कि नकली नोट गिरोह के मास्टर माइंड को पकडे जाने के बाद कई वारदात खुलेंगी हो सकता है पुलिस नकली नोट छपने वाले कारखाने तक पहुँच जाये। सीएसपी ने बताया कि आरोपी रुसी करकुल्ला मर्चेंट नेवी की भी ट्रेनिंग कर चुका है पुलिए आरोपी को न्यायालय में पेश कर उसका रिमांड मांगेगी जिससे और वारदातों का खुलासा हो सके।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....