रात को रोकी मंत्री जी की गाड़ी, सुबह मंत्री पहुँच गए पुलिस कंट्रोल रूम

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। आम तौर पर यदि किसी रसूखदार व्यक्ति या राजनेता की गाड़ी को वाहन चैकिंग (Vehicle checking) के दौरान रोकती है तो वे भड़क उठते हैं और पुलिस (Police) से उलझकर अपने संबंध और रौब का इस्तेमाल करते हैं और अंदाजा लगाइये कि गाड़ी में यदि मंत्री बैठे हो तो क्या होगा? लेकिन आप जैसा सोच रहे हैं वैसा कुछ नहीं हुआ। पुलिस ने शनिवार रात ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) की गाड़ी रोकी, मंत्री जी ने गाड़ी से उतरकर गाड़ी चेक करवाई और पुलिस की प्रशंसा करते हुए रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचकर पुलिसकर्मियों का सम्मान किया।

अपनी अलग कार्यशैली के लिए पहचाने जाने वाले ग्वालियर के विधायक एवं शिवराज सरकार (Shivraj government) के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) ने एक बार फिर सहजता और सरलता का उदाहरण पेश किया । दरअसल वे शनिवार को रात में करीब साढ़े दस बजे अपनी ही विधानसभा में एक शादी समारोह में शामिल होकर चार शहर का नाका, हजीरा से घर की तरफ लौट रहे थे। तभी हजीरा थाने के स्टाफ ने उनकी गाड़ी को चैकिंग पॉइंट पर रोक लिया। चूंकि मंत्री के साथ कोई पायलट और फॉलो नहीं था इसलिए कोई समझ नहीं पाया कि गाड़ी में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर हैं । मंत्री की मौजूदगी का अहसास होते ही चैकिंग पॉइंट पर मौजूद टी आई और अन्य स्टाफ घबरा गया। लेकिन मंत्री जी ने गाड़ी से उतरकर खुद गाड़ी चेक करवाई और पुलिस कर्मियों की कार्यशैली की प्रशंसा की।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....