Morena News: दो तेंदुओं की मौत के बाद भी नहीं जागा वन विभाग, उठ रहे सवाल 

Atul Saxena
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मुरैना, संजय दीक्षित।  मुरैना जिले के सरायछोला थाना क्षेत्र के ग्राम गडोरा के झरना सरकार मन्दिर के पास बीती रात करीब 2 साल के तेंदुए (Leopard) की अचानक मौत हो गयी। इससे पहले भी सबलगढ़ के जवाहरगढ़ गांव के खेतोंं से एक मादा तेंदुए का शव मिल चुका है जिसकी जानकारी पर फॉरेस्ट विभाग ने तेंदुए (Leopard) को जप्त कर उसका पीएम कराया था और उसकी रिपोर्ट भेजी गयी। मृत तेंदुए (Leopard) की बिसरा रिपोर्ट में ब्रेन हैमरेज से मौत होना बतायी गयी थी।

बीती रात ग्राम गडोरा पुरा के झरना मन्दिर के पास एक दो साल के तेंदुए (Leopard) की मौत हो गयी। मृत तेंदुए (Leopard) की मौत के बाद ग्रामीण डर गए। उन्होंने मृत तेंदुए (Leopard) की सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर तेंदुए (Leopard) के शव को रातभर वन डिपो में रखा और सुबह पशु चिकित्सक और अन्य डॉक्टरों की टीम ने मृत तेंदुए (Leopard) का पोस्टमार्टम किया। तेंदुए (Leopard) की मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

Morena News: दो तेंदुओं की मौत के बाद भी नहीं जागा वन विभाग, उठ रहे सवाल 

ग्रामीणों के अनुसार तेंदुए (Leopard) के शव को देर रात को मन्दिर के पास देखा गया था उसकी मौत भूख प्यास या कैसे हुई यह अभी तक साफ नहीं हुआ है। तेंदुए (Leopard) की पीएम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के सही कारणों की जानकारी मिल सकती है। उधर वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि तेंदुए (Leopard) का शव सुरक्षित था। किसी भी तरह के शरीर पर कोई निशान नहीं दिखाई दे रहे थे। पशु चिकित्सक काे मौके पर बुलाकर इसकी जांच कराई गई हैं। इसके बाद वन डिपो में पीएम करवाया गया। इसके बाद इसका शव का वन डिपो में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

Morena News: दो तेंदुओं की मौत के बाद भी नहीं जागा वन विभाग, उठ रहे सवाल 

तेंदुए (Leopard) की मौत के सही कारणों का पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। किसी न जहर या करंट लगाकर तो इसकी जान नहीं ली हैं। गौरतलब है कि इससे पहले 15 फरवरी को भी एक तेंदुए (Leopard) की मौत हुई थी। उसमें पीएम रिपोर्ट के बाद जांच आने पर ब्रेन हेमरेज बताया गया।  अब रविवार की रात को भी एक तेंदुए (Leopard)  की मौत हो गयी है। आखिर तेंदुए (Leopard) की मौत कहीं न कहीं विभाग पर सवाल खड़े करते हैं। विभाग इस बात के प्रयास नहीं कर रहा कि यदि ब्रेन हैमरेज हुआ तो उसकी वजह क्या है ? वन विभाग वन्य जीव की मौत के बात उसका पीएम कराकर फ़ाइल बंद कर देता है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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