MP: प्रदेश में पटवारियों की हड़ताल, मांगे पूरी न होने तक काम पर वापस आने से किया इंकार

Kashish Trivedi
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मुरैना, नितेंद्र शर्मा। पूरे प्रदेश (MP) में चल रही कलम बंद हड़ताल (strike) में 7th pay commission के लिए पटवारी संघ का भी आक्रोश जमकर देखने को मिल रहा है। 10 अगस्त से जिले में पटवारियों (patwaris) की कलम बंद हड़ताल जारी है। जिस समय पूरा प्रदेश और कहीं ज्यादा चंबल संभाग में आई हुई बाढ़ (MP Flood) के बाद चंबल से सटे निचले इलाकों का बुरा हाल देखने को मिल रहा है, किसानों की फसलें नष्ट हो गई घर बह गए पशु बह गए है, खाने के लिए अन्न नहीं है, ऐसे में सरकार से आने वाली मदद जो पटवारियों के माध्यम से गांव वालों तक पहुंचाई जाती है वह इस समय पूर्ण रूप से बंद है।

अगर बात की जाए पटवारियों की तो उन्होंने सरकार के सामने 3 सूत्रीय मांग रखी हैं, जिनमें पटवारियों का वेतनमान बढ़ाए जाने को लेकर मांग की जा रही है फिलहाल 2400 ग्रेड पे (grade pay) पर पटवारी कार्य कर रहे हैं जबकि उनकी तरफ से इसे 2800 ग्रेड पे की जाने की मांग है, दूसरी और तीसरी मांग में CPCT परीक्षा संबंधी नियमों को खत्म करने की बात कही गई है वाह गृह जिले में पदस्थापना को लेकर पटवारी हड़ताल में शामिल नज़र आये।

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पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष कपूर सिंह यादव के अनुसार प्रदेश सरकार ने उनकी मांगों को लेकर विचार करने के लिए समय मांगा है। और हड़ताल खत्म कर काम पर वापस जाने के लिए कहा है। लेकिन फिलहाल मांगे पूरी होने तक काम पर यह वापस नही लौटेंगे। इस हड़ताल के चलते आज मुरैना पटवारियों की हड़ताल में पहुंचकर कांग्रेस के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह व मुरैना के विधायक राकेश मावली ने पटवारियों को आश्वासन दिया की वह इन तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार से बात करेंगे। जयवर्धन सिंह ने पटवारियों से कहा आपको निराश होने की जरूरत नहीं है हम और पूरे प्रदेश की कांग्रेस आपके साथ हैं।

इस हड़ताल में एक नया मोड़ तब देखने को मिला जब गांव के सरपंच भी पटवारियों की इस हड़ताल में शामिल हो गए।
लेकिन सरकार और पटवारियों के बीच चल रहे इस विवाद के कारण आम जनता को जो परेशानी उठानी पड़ रही है आखिर उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।


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