MP Breaking News
Fri, Dec 19, 2025

RTI के तहत चाही जानकारी देने के लिए क्लर्क ने मांगी रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा

Written by:Atul Saxena
Published:
लोकायुक्त कार्यालय ग्वालियर की टीम ने आज आरोपी क्लर्क रामबली रावत को उसके कार्यालय आवक जावक शाखा जनपद पंचायत पोरसा जिला मुरैना पर आवेदक से 4000 रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा , रिश्वत राशि बरामद कर मामला दर्ज किया गया है।
RTI के तहत चाही जानकारी देने के लिए क्लर्क ने मांगी रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा

मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचारियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के जीरो टोलरेंस के निर्देश के बाद से लोकायुक्त पुलिस बहुत एक्टिव है, शिकायत मिलते ही तत्काल सत्यापन और सही मिलने पर तत्काल एक्शन होता है,इसी क्रम में ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने मुरैना जिले की जनपद पंचायत पोरसा में पदस्थ क्लर्क को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है।

लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर एसपी राजेश मिश्रा से मिली जानकारी के मुताबिक मुरैना जिले की तहसील पोरसा के ग्राम सेथरा बाडई में रहने वाले किसान राम गोविंद त्यागी ने पिछले दिनों उनके कार्यालय में एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें जनपद पंचायत पोरसा में पदस्थ क्लर्क रामबली रावत पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे।

जनपद पंचायत में पदस्थ क्लर्क ने मांगी रिश्वत  

शिकायत में आवेदक राम गोविंद त्यागी ने बताया कि उसने जनपद पंचायत पोरसा में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी लेकिन वहां आवक जावक एवं सूचना अधिकार  शाखा में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 रामबली रावत ने जानकारी देने 4000 रुपये की रिश्वत की मांग की।

आवेदक ने लोकायुक्त एसपी से की शिकायत 

शिकायती आवेदन मिलने के बाद लोकायुक्त ग्वालियर की टीम ने इसका सत्यापन किया और शिकायत सही मिलने पर ट्रैप प्लान की, आज ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम आवेदक को साथ लेकर जनपद पंचायत कार्यालय पोरसा पहुंची और आवेदक को क्लर्क के पास आवक जावक शाखा में भेजा।

रिश्वत लेते क्लर्क रंगे हाथ दबोचा 

शिकायतकर्ता ने राम गोविंद त्यागी क्लर्क रामबली रावत की मांग के मुताबिक उसे उसके कार्यालय में 4000 रुपये रिश्वत की राशि दी और बाहर कड़ी टीम को इशारा दे दिया, संकेत मिलते ही लोकायुक्त ग्वालियर की टीम ने क्लर्क रामबली रावत को रंगे हाथ पकड़ लिया और रिश्वत की राशि बरामद कर उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा में मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया है।