चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक की कोशिश! हज़ारों फर्जी Voter ID card जब्त, MP के 4 Arrest

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में अलर्ट (alert) जारी किया गया है। दरअसल Cyber Crime के जरिये मीडिया के कई वेबसाइट को हैक किया जा सकता है। इसी बीच चर्चा है कि भारत के निर्वाचन आयोग (election commission) की वेबसाइट को हैक (website hack) कर लिया गया है। वही आरोप है कि हैकर्स ने 10,000 से अधिक फर्जी मतदाता पत्र जारी किए हैं। इस मामले का Link मध्य प्रदेश से भी जुड़ गया है। दरअसल मध्य प्रदेश पुलिस ने मुरैना में 4 लोगों को इस आरोप के जुर्म में गिरफ्तार किया है।

हालांकि चुनाव आयोग (election commission) ने कहा कि आयोग की वेबसाइट हैक (website hack) नहीं हुई है हुई है बल्कि पूरा डेटाबेस (database) सुरक्षित है। ज्ञात हो कि इससे पहले UP Police ने गुरुवार को 24 साल के विपुल सैनी को फर्जी Voter ID के साथ गिरफ्तार किया था। हालांकि विपुल सैनी ने खुलासा किया कि वह मध्य प्रदेश के हरदा जिले के अरमान मलिक के इशारे पर काम कर रहा है और उसने अब तक तीन महीनों में 10,000 से ज्यादा फर्जी आईडी तैयार किए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस बात की जानकारी मध्य प्रदेश पुलिस को दी थी। MP Police ने मुरैना के अंबा जिले में रहने वाले 4 किशोरों को गिरफ्तार किया है।

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MP Police की माने एक शख्स ने खुलासा किया है कि आरोपियों के पास से एक करोड़ असली और नकली Voter ID Card है। वहीं इन फर्जी वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल सिम कार्ड खरीदने, बैंक खाता खोलने और ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। MP Police ने बड़े स्तर पर इस गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए जानकारी जुटाने शुरू कर दी है। संदिग्ध युवक के फोन को जब्त कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग गरीब परिवार से हैं और पढ़ाई छोड़ चुके हैं। इसके अलावा MP Police आरोपी अरमान मलिक को भी ढूंढने का प्रयास कर रही है। मध्य प्रदेश पुलिस का कहना है कि अरमान मलिक नई दिल्ली में हैं और इस गिरोह का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

वहीं इस मामले में MP police के महानिदेशक विवेक जौहरी का कहना है कि फिलहाल इस मामले की जानकारी मीडिया के साथ साझा नहीं की जा सकती। जांच पड़ताल की जा रही है और UP Police की मदद के लिए मध्य प्रदेश पुलिस गिरोह का चेहरा तलाशने की कोशिश में है।

दूसरी तरफ निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता का कहना है कि सहायक मतदाता सूची अधिकारी नागरिकों की सेवा प्रदान करते हैं। मतदाता पहचान पत्र की प्रिंटिंग की जिम्मेदारी सहायक मतदाता सूची अधिकारी की होती है। हालांकि अवैध तरीके से ID और Password तैयार करने वाले दोनों व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि निर्वाचन आयोग का डेटाबेस पूरी तरह से सुरक्षित है।


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