मुरौना। मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में बंदूकों के सबसे अधिक लाइसेंस हैं। यहां आम तौर पर बंदूक निकाल लेना सामान्य माना जाता है। चंबल की मिट्टी में ऐसा असर है कि लोगों का पारा हमेशा चढ़ा रहता है। लेकिन अब इनमें से कई लोगों का बंदूक का लाइसेंस छिन सकता है। इसके पीछे बड़ा कारण है कि सरकारी अधिकारियों को धमकी देना। यहां 106 लोगो के ऊपर बिजली कंपनी का एक करोड़ रुपए करीब बकाया है। लेकिन जब अफसर इन लोगों से वसूली करने जाते हैं तो यह लोग बंदूक की धौंस और धमकी देकर उन्हें चलता कर देते हैं। इस बात को गंभीरता से लेते हुए बिजली कंपनी के महाप्रबंधक शिशिर गुप्ता ने कहा कि 106 डिफॉल्टरों पर बिजली कंपनी का करोडों का बकाया नहीं चुका रहे हैं। जब इनसे वसूली करने के अफसर जाते हैं तो यह लोग बंदूक की धमकी देते हैं। यह सभी डिफाल्टर मुरैला जिले के हैं।
कलेक्टर से की वसूली अधिकारी ने शिकायत
वसूली अधिकारी ने धमकियों से तंग आकर मुरैना जिले के कलेक्टर को एक पत्र लिखकर इन सभी के बंदूक के लाइसेंस को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर को पत्र भी लिखा है। प्रदेश की बिजली कंपनी के महाप्रबंधक शिशिर गुप्ता ने कहा, ‘मध्य प्रदेश पावर कंपनी ने मुरैना जिला कलेक्टर को 106 लोगों की बंदूक के लाइसेंस रद्द करने के लिये पत्र लिखा है।कलेक्टर द्वारा इन लोगों को इस बारे में नोटिस जारी किया जा रहा है.’
सरकार द्वारा चंबल इलाके के इस जिले में 27,000 बंदूकों के लाइसेंस जारी किये गए हैं. आपको बता दें कि यह इलाका कभी डकैतों के लिये कुख्यात रहा है और इसी वजह से सरकार ने इतनी संख्या में लोगों को बंदूकों के लाइसेंस दे दिए, लेकिन अब कुछ लोग इनका इस्तेमाल वसूली अधिकारी को धमकाने के लिए कर रहे हैं.