चम्बल संभाग में 14 महीने से नहीं हैं संभाग आयुक्त ,आमजनता हो रही परेशान

Amit Sengar
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मुरैना,संजय दीक्षित। प्रदेश के चंबल संभाग आयुक्त रविंद्र मिश्रा को सेवानिवृत्त हुए करीब 14 महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने नए आयुक्त की नियुक्ति अभी तक नहीं की है चंबल आयुक्त का प्रभार ग्वालियर संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना के पास है जो कभी कबार कार्यालय में आते हैं। 14 माह से चंबल आयुक्त का पद खाली पड़ा इसलिए श्योपुर, मुरैना और भिंड की जनता परेशान हो रही है और आयुक्त कार्यालय में लंबित मामलों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा पेंडिंग मामले राजस्व विभाग के है जो 3 साल से अधिक समय से लटके हुए लेकिन सरकार और सरकारी कारिंदे है कि लंबित मामलों को लेकर धृतराष्ट्र और गंधारी बने हुए हैं।

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मध्य प्रदेश शासन के पास सैकड़ों का काबिल आईएएस अफसर होने के बाद भी 14 माह से चम्बल आयुक्त का पद आखिर खाली क्यों पड़ा है सबसे बड़ा आलम यह है कि आयुक्त कार्यालय में लंबित राजस्व मामलों की संख्या करीब 10 हज़ार के पार पहुंच चुकी है, राजस्व विभाग में भी देखने को मिल रहा है जहां तारीख पर तारीख लगाते हुए 1 दिन में 100 से लेकर डेढ़ सौ फाइलों की तारीख में लग रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही हैं, ऐसा नहीं कि मध्यप्रदेश शासन में आईएएस अफसरों की कमी है लेकिन चंबल संभाग के लिए कितने की बोली लगेगी कोई भी अफसर चंबल के लिए कितना दे सकता यह तो शासन की व्यवस्था पर निर्भर करता है।

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चंबल आयुक्त का पद रिक्त पड़ा होने के कारण हजारों परेशान लोगों की फाइल कार्यालय के बस्तों में धूल खा रही हैं जो 100 किलोमीटर की अधिक की दूरी तय करके इस आशा में आते हैं कि आज हमारा काम होगा ।परंतु मुख्यमंत्री मामा के दलाल अफसर परेशान लोगों की फाइलें छोड़कर अपनी दलाली में मस्त हैं। इस पूरे मामले में डॉक्टर गोविंद सिंह विधायक एवं उपाध्यक्ष मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कहना है कि मैंने पत्र लिखा है और विधानसभा में प्रश्न भी लगाया था जिसका जवाब आया कि हम पोस्टिंग करने पर विचार कर रहे हैं यानी 14 महीने तक केवल बिचार हो रहा है सरकार गहरी नींद में सोए हुए हैं जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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