Morena News : प्रसूता की मौत, नर्साें पर लापरवाही के आरोप लगाकर किया हंगामा

Amit Sengar
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Two employees engaged in assembly duty died

Morena Maternal Death News : मुरैना जिला अस्पताल में भर्ती प्रसूता की तबियत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने नर्सों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। मामला इतना बढ़ा कि एसडीएम व कोतवाली थाने की टीम को अस्पताल में जाना पड़ा। जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा मिलने पर प्रसूता के परिजन शव को घर ले जाने पर राजी हुए।

यह है मामला

बता दें कि पिपरघान गांव निवासी 28 वर्षीय अनीता पत्नी रघुराज जाटव को प्रसव के लिए शनिवार की देर शाम जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रविवार की सुबह 5 बजे अनीता ने बेटे को जन्म दिया, इसके बाद अनीता व उसका नवजात बच्चा अस्पताल में ही भर्ती था। रविवार की शाम 5 बजे के करीब अनीता को घबराहट होने लगी, उसकी तबियत बिगड़ने लगी। रात 1:30 बजे के करीब अनीता की तबियत और बिगड़ गई और फ़ड़फड़ाने के बाद दम तोड़ दिया। इसके बाद मृतका के परिजनों ने नर्सों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा कर दिया।

मृतका के भाई सोनू जोनवार ने बताया कि शाम 5 बजे उसकी बहन की तबियत बिगड़ी थी, इसके बाद नर्साें को बताया और डाक्टर बुलाने काे कहा, लेकिन नर्से यह कहकर बार-बार लौट जातीं, कि डिलीवरी के बाद यह सभी को होता है, घबराने की बात नहीं है। इसके बाद रात में तबियत बिगड़ने पर नर्स ने ही बिना डाक्टर से पूछे इंजेक्शन लगा दिया जिसके बाद अनीता की तबियत और ज्यादा बिगड़ गई। मृतका के परिजन नर्सों पर एफआइआर की मांग लेकर हंगामा करते रहे।

परिजनों ने लगाए आरोप

इस दौरान अस्पताल के सुरक्षा गार्ड व वार्ड बाय से मृतका के स्वजनों की हाथापाई तक हो गई। सूचना मितले ही कोतवाली थाने की टीम अस्पताल में पहुंची। हंगामा बढ़ने के बाद रात 3 बजे के करीब सिविल सर्जन डा. विनोद गुप्ता व एसडीएम एलके पाण्डेय अस्पताल में पहुंचे।एसडीएम ने मामले की जांच कराकर लापरवाहों पर कार्रवाई का भरोसा दिया, इसके बाद हंगामा कर रहे लोग शांत हुए। एसडीएम ने एंबुलेंस बुलाकर शव को मृतका के गांव भिजवाया। मृतका के परिजन रो-रोककर कह रहे थे शादी के 10 साल बाद पहली संतान हुई और नर्सों की लापरवाही के कारण उनकी बेटी की ही मौत हो गई।
मुरैना से संजय दीक्षित की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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