मुरैना, संजय दीक्षित। एक तरफ जहां मुरैना (Morena) जिले का मुक्तिधाम सुंदरता और अपनी व्यवस्था को लेकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुका है, तो वहीं दूसरी तरफ जिले में कई ऐसी पंचायत हैं जहाँ मुक्तिधाम (Muktidham) में न तो पानी की व्यवस्था है न ही टीनशेड लगाई हैं। जिसके चलते ग्रामीणों को मजबूरी में खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार करना पड़ रहा हैं। एक ऐसा ही मामला मुरैना जिले के गैपरा पंचायत में देखने को मिला है। जहां भरी बारिश में खुले आसमान के नीचे शव को जलाने का मामला सामने आया है।
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जानकारी के अनुसार पहाड़गढ़ थाना क्षेत्र के गैपरा पंचायत में रहने वाली 75 वर्षीय गौरा गौड़ का बीती रात निधन हो गया। निधन के बाद मृतक के परिजन गांव में बने मुक्तिधाम पर लेकर पहुंचे। जहां उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा था लेकिन जैसे ही चिता को आग लगाई तो बारिश शुरू हो गई। उसके बाद ग्रामीणों ने जलती हुई चिता को बुझने से बचाने के लिए त्रिपाल लगाकर महिला का अंतिम संस्कार किया। और जब तक चिता पूरी तरह से नहीं जल गई तब तक ग्रामीण और महिला के परिजन हांथ में त्रिपाल लेकर भरी बारिश में खड़े रहे।
विधायक से लेकर सांसद कोई नहीं ले रहा सुध
जानकारी के अनुसार जौरा तहसील मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर मुक्तिधाम सरकारी जमीन पर बनाया गया है। लेकिन आजादी के बाद भी मुक्तिधाम में पानी और टीनशेड के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की गयी हैं। जब मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाता है तो वर्षा होने पर है चिता को बुझने से बचाने के लिए त्रिपाल लगाकर द्वारा अग्नि प्रवजलित कर आग लगाई जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि मुक्तिधाम में टीनशेड के लिए विधायक, सांसद और सरपंच को समस्या से अवगत कराया गया है लेकिन किसी ने भी ग्रामीणों के दर्द को नहीं समझा। और अभी तक किसी ने भी इस मुक्तिधाम की सुध नहीं ली। जिस कारण ग्रामीण मुक्तिधाम में खुले में मृतकों का अंतिम संस्कार करने को मजबूर है। अगर कई जगह मुक्तिधाम देखे जाए तो वहां पर पानी और छायादार पेड़ों की व्यवस्था की गई है। लेकिन गैपरा मुक्तिधाम में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं जिससे ग्रामीणों को पानी और छाया मिल सके। अब देखना होगा की कब तक गैपरा मुक्तिधाम में ग्रामीणों को इस तरह से अंतिम सस्कार करना होगा। या फिर इस बारिश से पहले प्रशासन यहां कोई व्यवस्था करता है।