पुलिस ने नगर निगम पार्षद के घर से अवैध शराब का जखीरा किया बरामद,तीन आरोपी गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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मुरैना,संजय दीक्षित।  पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया के कुशल मार्गदर्शन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुरैना डॉक्टर हंसराज सिंह और नगर पुलिस अधीक्षक मुरैना सुधीर सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में थाना सिटी कोतवाली जिला मुरैना पुलिस को ने अवैध शराब पकड़ने में सफलता हासिल कि हैं।

मुखबिर की सूचना से नगर निगम मुरैना के पार्षद गब्बर जाटव के घर से अवैध शराब का जखीरा बरामद हुआ हैं। पुलिस थाना सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी अजय चानना को सूचना प्राप्त हुई थी सिंगल बस्ती में निवास करने वाले गब्बर जाटव जो कि नगरनिगम में पार्षद भी हैं, उनके निवास पर अवैध रूप से राजस्थान राज्य से आने वाली शराब का भंडारण है। साथ ही कस्बे के लोगों को विक्रय करते हैं।

इस सूचना पर से थाना प्रभारी के द्वारा उप निरीक्षक अरुण सिंह कुशवाह के नेतृत्व में थाना सिटी कोतवाली की टीम सूचना की तस्दीक हेतु भेजी गई, जो गब्बर जाटव के निवास में उसके डबल बेड के अंदर और पानी की टंकी तथा उसके घर के अंदर कुल 26 पेटियां अवैध शराब की काउंटी क्लब ब्रांड की तथा इसके अतिरिक्त शराब प्लास्टिक के बोरा में भरी हुई पाई गई। इस प्रकार कुल 31 पेटी अवैध शराब गब्बर जाटव के निवास से बरामद हुई हैं। जिसकी कीमत करीब 1,60,000 रुपए बताई जा रही है।

इस दबिश के दौरान पार्षद गब्बर जाटव अपने घर से भागने में सफल हो गया, लेकिन गब्बर पार्षद के भाई मनोज जाटव सहित उसके दोनों पुत्र अंकित जाटव और लक्की जाटव को मौके से गिरफ्तार किया हैं।आरोपियों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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