Morena Atal Expressway : चंबल अंचल से निकल रहे अटल एक्सप्रेस वे में अपनी जमीन खोने के डर से परेशान और आन्दोलन कर रहे किसानों के लिए आज ख़ुशी का दिन हैं, प्रदेश की शिवराज सरकार ने आज अधिकारियों को निर्देश दिए अटल एक्सप्रेस वे का फिर से सर्वे किया जाए और कोशिश की जाये कि किसानों की कम से कम जमीन इसमें जाए यानी उस उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण शासन को करना पड़े।
अटल एक्सप्रेस वे में आ रहे भिंड के 41, मुरैना के 110और श्योपुर के 27 गांव
अटल एक्सप्रेस वे के लिए मुरैना जिले में कार्य शुरू किया जाना था। अटल एक्सप्रेस-वे 306.201 किमी लंबाई का प्रस्तावित है जो भिंड से लेकर श्योपुर तक बनेगा। यह भिंड के 41, मुरैना के 110और श्योपुर के 27 गांव से निकलने वाला था। मुरैना विकासखंड के गांवों का सर्वे हो चुका है। जिसमें कई किसानों की उपजाऊ भूमि पर यह एक्सप्रेस-वे बनेगा, ये बात सामने आते ही किसान नाराज हो गए और आन्दोलन शुरू कर दिया।
अपने पुरखों की उपजाऊ जमीन जाने से आन्दोलन पर थे किसान
किसानों का कहना था कि एक्सप्रेस-वे जरुरी है लेकिन इसमें हमारे पुरखों की जमीन चली जाये, हमारी आजीविका का साधन चला जाये ये हमें स्वीकार नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि इसे ऐसे रास्ते से निकाला जाये जहाँ उपजाऊ भूमि कम से कम हो। किसानों की मांग मुरैना सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कानों तक पहुंची।
मुख्यमंत्री ने आज ग्वालियर चम्बल अंचल के कलेक्टर्स से वीसी के माध्यम से बात की और उन्हें निर्देश दिए कि अटल एक्सप्रेस वे के लिए फिर से सर्वे करें, वीसी में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद थे उन्होंने भी अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्वे में ध्यान रखें कि उपजाऊ भूमि को कम से कम अधिग्रहण करना पड़े ऐसी प्लानिंग करें।
बहरहाल चुनावी साल में किसानों के हित में शिवराज सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से किसानों को तो लाभ होगा ही साथ ही भाजपा को भी किसानों के गुस्से का शिकार नहीं होना पड़ेगा। मुरैना कलेक्टर अंकित अष्ठाना से इस फैसले की जानकारी डेट हुए कहा कि जो निर्देश राज्य सरकार से मिले हैं उनके आधार पर अब फिर से सर्वे किया जायेगा ।
मुरैना से नितेंद्र शर्मा की रिपोर्ट