प्रशासन से ग्रामीणों की गुहार, साहब हमारी भैंस किडनैप हो गई, बदमाश मांगते हैं फिरौती

Atul Saxena
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Morena Buffalo Kidnapping : आपने इंसान का किडनैप होते सुना होगा लेकिन यहाँ आपको जिस अपहरण के बारे में बताने जा रहे हैं संभव है आपने वो पहले कभी नहीं सुना हो, जी हाँ … हम आपको इस खबर में भैंसों के अपहरण की बात बताने जा रहे हैं, चंबल अंचल में बदमाशों ने गिरोह बनाकर भैंस अपहरण कर बदले में करोड़ों रुपये की फिरौती वसूलने का कारोबार शुरू कर दिया है, ग्रामीण भैंस चोरों से बहुत परेशान है और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

अपराध के लिए बदनाम चंबल का मुरैना जिला अब भैसों के अपहरण के कारोबार का गढ़ बनता जा रहा है, भैंस चोर यहाँ से भैंसों का अपहरण कर राजस्थान तक ले जाते हैं फिर मध्यस्थ के माध्यम से लाखों रुपये कीमत की भैंस को छोड़ने के बदले हजारों रुपये की फिरौती (पनिहाई) वसूलते हैं।

पिछले दिनों ऐसे कई मामले सामने आये जिसमें भैंस मालिक को अपनी भैंस को अपहरणकर्ता के चंगुल से मुक्त कराने के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ी। एक मामला सरायछोला थाना क्षेत्र के हंसराज का पुरा में रहने वाले रामनिवास का है जिनकी भैंस को कुछ बदमाश 15 अप्रैल को चोरी कर ले गए, वे भैंस को तलाशते हुए पड़ोसी राज्य राजस्थान तक पहुँच गए, उन्हें वहां अपनी भैंस दिखाई दी, बाद में उन्हें मध्यस्थ के माध्यम से अपरहरणकर्ता को भैंस को छुड़ाने के बदले 15 हजार रुपये की फिरौती देनी पड़ी ।

जिले के ही मृगपुरा क्षेत्र के भौरूसिंह का पुरा में रहने वाले नारायण सिंह परमार की भैंस 29 अप्रैल को बदमाश को चोरी कर ले गए। उन्हें मालूम चला कि चोर राजस्थान के बीहड़ में बसे गांव में उनकी भैंस ले गए हैं। उन्होंने अपहरणकर्ताओं से संपर्क किया तो उन्होंने फिरौती के रूप में 20 हजार रुपए मांगे। जब उन्होंने फिरौती (पनिहाई) चुकाई, तब दो मई को उनको भैंस वापस मिली।

आपको बता दें कि चंबल अंचल का मुरैना जिला पूरी तरह कृषि आधारित जिला है, यहाँ करीब 80 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं, ग्रामीण खेती करता है साथ ही दूध विक्रय के लिए भैंसे भी पालता है, भैंस लाखों रुपये तक में आती है इसलिए ऐसे बेरोजगार लोग जिन्होंने बदमाशी को अपना कारोबार बना लिया है उनकी नजर इन भैंसों पर रहती है और मौका पाकर इनका अपहरण (चोरी ) कर ले जाते हैं।

बदमाश रात के अँधेरे में भैंसों को चोरी कर ले जाते हैं, जब तक मालिक को पता चलता है तब तक उनकी भैंस कई किलोमीटर दूर किसी दूसरे गाँव या फिर राजस्थान के गाँव पहुँच जाती है, फिर जब भैंस का पता चलता है तो मध्यस्थ के माध्यम से हजारों रुपये की वसूली कर भैंस को मुक्त किया जाता है, माना जा रहा है कि क्षेत्र के कुछ बदमाश भैंस अपहरण से साल में करोड़ों की कमाई कर रहे हैं

सुमावली विधानसभा क्षेत्र के मृगपुरा-गौसपुरा से अप्रैल में एक साथ भैंस चोरी की घटनाएं होने पर पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार ने मुरैना एसपी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है, ऐसी घटनाएं रोकने के लिए पुलिस गश्त बढ़ाई जाए। उधर ग्रामीण भैंस चोरी की बढती घटनाओं से चिंतित है, वो प्रशासन से गुहार लगा रहा है कि हमें भैंस चोरों से बचाया जाये

मुरैना से नितेंद्र शर्मा की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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