MP Flood Alert: मध्य प्रदेश भारी बारिश के दौर से गुजर रहा है। दरअसल बीते कुछ दिनों में मध्य प्रदेश में बारिश ने कहर बरसाया है। जिसके चलते प्रशासन के सामने भी कड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। वहीं भारी बारिश के चलते राज्य के 10 बड़े बांध लबालब हो गए हैं। हालांकि कई बांध के गेट खोले गए हैं ताकि पानी के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सके।
दरअसल मौसम विभाग ने 21 जून को मानसून के आगमन की घोषणा की थी। इसके बाद से प्रदेश में लगातार बारिश जारी है और अब तक कुल 23.3 इंच से अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है। जानकारी दे दें कि पिछले हफ्ते से भारी बारिश के चलते नदियों और तालाबों का जलस्तर बढ़ गया है। प्रदेश के 10 प्रमुख बांध अब पूरी तरह भर चुके हैं और इनके गेट खोलने की आवश्यकता हो गई है। इस कारण बाढ़ की स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है।
बाढ़ की चेतावनी वाले जिले
जानकारी के अनुसार मौसम विभाग ने विदिशा, रायसेन, सागर, राजगढ़, सीहोर, आगर मालवा, शाजापुर, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, देवास, मंदसौर, रतलाम, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, और कटनी सहित 18 जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है। इन क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी है। बचाव कार्यों के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं ताकि जान-माल की हानि से बचा जा सके।
प्रमुख बांधों की क्या है स्थिति
दरअसल मध्य प्रदेश के 10 प्रमुख बांधों में पानी अपनी अधिकतम क्षमता तक पहुँच चुका है, जिससे बांधों के गेट खोलने की आवश्यकता उत्पन्न हो गई है। वर्तमान में बरगी डैम के गेट खोलने का फैसला लिया गया है, नर्मदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन ने सभी आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं:
तटीय क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें: लोगों को तटीय क्षेत्रों और नर्मदा नदी के किनारे से दूर रहने की सलाह दी गई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन: आपातकालीन सेवाओं ने संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
राहत कार्य: राहत कार्यों के लिए स्थानीय अधिकारियों ने समन्वय स्थापित किया है और प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान की जा रही है।