Corona Alert: लॉकडाउन की सख्ती के बीच दिखा MP Police का मानवीय चेहरा

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। कोरोना  (Corona) की दूसरी लहर को रोकने के लिए मध्यप्रदेश के तीन बड़े शहरों भोपाल, इंदौर और जबलपुर में रविवार का लॉकडाउन (Lock Down) लागू कर दिया गया है। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस के पास है। तीनों शहरों में पुलिस इसका सख्ती से पालन भी करा रही है। लेकिन इस सख्ती के बीच में मध्यप्रदेश पुलिस (MP Police) का एक मानवीय चेहरा भी दिखाई दिया। जिसने भी पुलिसकर्मी की इस संवेदनशीलता के बारे में सुना वो सेल्यूट किये बिना नहीं रह सका।

लाॅकडाउन (Lock Down) के चलते इंदौर में रविवार को सुबह से ही पुलिस ने सख्ती शुरू कर दी थी। बेवजह घूमने वालों को घर जाने की हिदायत दी। जो बिना मास्क के दिखे उन्हें मास्क लगाने की समझाइश दी। इसी सख्ती के बीच रीगल चौराहे पर मध्यप्रदेश पुलिस (MP Police) का मानवीय चेहरा नजर आया। यहां एक पिता अपनी बेटी को स्कूल लेने गए थे, लेकिन रास्ते में उनकी मोटर साइकिल का पेट्रोल खत्म हो गया। लॉकडाउन (Lock Down) के कारण पेट्रोल पंप बंद थे तो पिता मासूम बेटी के साथ गाड़ी को धकेल कर पैदल ही घर जा रहे थे।

तपती धूप में मासूम को पिता के साथ पैदल चलते देख ट्रैफिक पुलिस के जवान रंजीत की नजर उन पर पड़ी। “देशभक्ति जन सेवा” के सूत्र वाक्य को हर समय दिल और दिमाग में रखने वाली मध्यप्रदेश पुलिस (MP Police)के हेड कॉन्स्टेबल रंजीत उनकी मदद आगे आए और अपनी बाइक से पेट्रोल निकालकर उसकी मदद की। मदद मिलते ही बच्ची का चेहरा खिल उठा उसने थैंक्यू कहते हुए रंजीत का अभिवादन किया।

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मासूम के पिता राजू ने बताया कि बेटी 9वीं क्लास में हैं। उसका आज प्रैक्टिकल था। उसे लेने के लिए बाल विनय मंदिर गया था। लौटते समय रास्ते में पेट्रोल खत्म हो गया। मेरा घर कलेक्ट्रेट की ओर है। पेट्रोल पंप बंद होने से कई किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ता। बाइक को धक्का मारते हुए रीगल चौराहे पर पहुंचा था। बेटी भी साथ में पैदल चल रही थी। इसी दौरान ड्यूटी पर तैनात यातायात के हेड कांस्टेबल रंजीत सिंह ने उन्हें रोक लिया। घर से बाहर निकलने का कारण पूछा तो राजू ने पूरी बात बता दी। इस पर रंजीत ने उन्हें गाड़ी साइड में लगाने को कहा।

उन्होंने गाडी साइड में रोक दी उन्हें लगा कि पुलिस सख्ती करेगी, लेकिन हुआ बिलकुल उलटा। हेड कॉन्स्टेबल रंजीत ने तत्काल अपने साथी की मदद से अपनी बाइक से पेट्रोल निकाला और राजू की बाइक में डाल दिया। राजू और उनकी बेटी के चेहरे खिल गए।  उन्होंने कहा कि पुलिस सख्ती तो कर रही है, लेकिन मदद भी कर रही है। उधर मदद करने वाले हेड कॉन्स्टेबल रंजीत का कहना है कि लॉकडाउन का मकसद किसी को परेशान करना नहीं है, बल्कि हमें इस महामारी को भगाने के लिए लोगों को जागरूक करना है।  उन्होंने कहा कि पुलिस सख्ती करती है लेकिन मानवीयता और संवेदनशीलता ये भी पुलिस का महत्वपूर्ण अंग है। मैंने कोई बड़ा काम नहीं किया बस एक सामाजिकता और मानवीयता निभाई है।

सही कहा रंजीत सिंह ने, इसे ही कम्युनिटी पुलिसिंग कहते हैं।  रंजीत जैसे पुलिस कर्मियों से लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ता है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को गर्व है रंजीत और मध्यप्रदेश पुलिस (MP Police) पर। निश्चित ही रंजीत की ये सहृदयता उनके साथी पुलिसकर्मियों को प्रेरित करेगी जिससे वे भी जरूरतमंद की मदद के लिए दो कदम आगे बढ़ाएंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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