MP News : किसानों के लिए राहत भरी खबर, समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की अवधि बढ़ी, अब इस तारीख तक होगी, जानें रेट-नियम और डिटेल्स

गेहूं विक्रय के इच्छु्क सभी किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन योजना का अधिक से अधिक लाभ अर्जित करने के लिए अपनी उपज गेहू स्लॉट बुकिंग कर नजदीकी गेहूं उपार्जन केन्द्र पर विक्रय कर शासन की योजना का अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर सकते है।

Pooja Khodani
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MP Wheat Procurement 2024 : मध्य प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की अंतिम तिथि को एक बार फिर बढ़ा दिया गया है। अब मोहन सरकार 25 जून तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं का उपार्जन करेगी, पहले अंतिम तिथि 31 मई निर्धारित थी।बता दे कि यह पहला मौका नहीं है जब तिथि को आगे बढ़ाया गया है, इससे पहले भी 2 बार डेट आगे बढ़ चुकी है। प्रदेश में 15 मार्च से गेहूं उपार्जन का काम चल रहा है।

इस साल किसानों से 2275 व राज्य बोनस 125 कुल 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूं की खरीदी की जा रही है।गेहूं विक्रय के इच्छु्क सभी किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन योजना का अधिक से अधिक लाभ अर्जित करने के लिए अपनी उपज गेहू स्लॉट बुकिंग कर नजदीकी गेहूं उपार्जन केन्द्र पर विक्रय कर शासन की योजना का अधिक से अधिक लाभ अर्जित कर सकते है।इस साल केंद्रीय में प्रदेश के किसानों से करीब 80 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य  है। पिछले साल 15 मई तक 259 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी जबकि पूरे सीजन की खरीद 262 लाख टन तक थी।

विभाग ने कलेक्टरों को दिए ये निर्देश

  • मध्यप्रदेश शासन खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अपर मुख्‍य सचिव स्मिता भारद्वाज ने प्रदेश के समस्त कलेक्‍टर्स को संबोधित पत्र प्रेषित कर निर्देशित किया है कि वे विभाग द्वारा जारी एग्जिट प्रोटोकॉल में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार जिन उपार्जन केन्द्रों पर गेहूं की आवक नहीं हो रही है, उन केन्द्रों को जिला उपार्जन समिति के अनुमोदन से बंद किया जा सकेगा।
  • कृषि उपज मंडियों/उप मंडियों में उपार्जन केन्द्र अनिवार्यता विस्तारित अवधि तक संचालित किए जाएं। वर्तमान में किसी कृषि उपज मंडी/उप मंडी में उपार्जन केन्द्र स्थापित न होने पर नज़दीक के उपार्जन केन्द्र को कृषि उपज मंडी/उप मंडी में स्थानांतरित किया जाए।
  • कृषि उपज मंडी/उप मंडी के अतिरिक्त अन्य उपार्जन केन्द्रों पर गेहूं की आवक होने पर उपार्जन केन्द्र विस्तारित अवधि तक केन्द्र संचालित रखे जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि विकासखंड में एक उपार्जन केन्द्र अनिवार्य रूप से संचालित रहे।
  • समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं को कवर्ड गोदाम/शेड में रखा जाए, ताकि वर्षा से उपार्जित गेहूं को सुरक्षित रखा जा सके। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू मापदण्ड अनुसार ही उपार्जन सुनिश्चित किया जाए।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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