नरोत्तम का राहुल पर तंज, “फोन टेप हुआ होता तो पता चल जाता वे अचानक कहां गायब हो जाते हैं”

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पेगासस जासूसी कांड (Pegasus scandal) में प्रधानमंत्री , गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग को  भारतीय जनता पार्टी ने ख़ारिज कर दिया है। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पेगासस जासूसी मामले में किसी के इस्तीफे की जरूरत नहीं। यह पूरी तरह झूठ पर आधारित साजिश है। डॉ नरोत्तम मिश्रा ने राहुल गांधी द्वारा जाँच की मांग और उनका फोन टेप किये जाने की बात पर पलटवार भी किया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के उस बयान पर चुटकी ली है जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर आप भ्रष्ट है आप चोर हैं तो आप मोदी से डरोगे वरना नहीं।  नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट किया – “राहुल जी देर आयद दुरुस्त आयद” आपने पहली बार सच को स्वीकार करने का साहस दिखाया है,  मोदीजी की निडरता, सफलता और लोकप्रियता का यही मूल मंत्र है। सच है गलत काम करने वालों को ही मोदी जी से डरने की जरूरत है। लेकिन इस विचार के संदर्भ में आपकी खुद के बारे में क्या राय है ? कोरोना से मुकाबले के संबंध में मोदी जी द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में आपका न जाना भी लोगों के जेहन में ऐसे ही सवाल खड़े करता है।

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नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पेगासस जासूसी मामले में किसी के इस्तीफे की जरूरत नहीं। यह पूरी तरह झूठ पर आधारित साजिश है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यदि राहुल गांधी का फोन टेप हुआ होता तो उनके हर कभी अचानक देश से गायब हो जाने की असलियत जगजाहिर हो जाती। जांच पेगासस मामले की नहीं, बल्कि राहुल जी के गायब होने की होना चाहिए।

गौरतलब है कि आज शुक्रवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने पेगासस मामले की जाँच करने की मांग की है और गृह मंत्री से इस्तीफा मांगा है। राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के सांसदों के साथ संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे प्रदर्शन भी किया।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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