नीमच, कमलेश सारडा। नीमच जिले (Neemuch District) के सिंगोली (singoli) क्षेत्र में आदिवासी युवक (tribal youth) को वाहन के पीछे बांधकर घसीटने और उसकी हत्या कर देने के मामले मे सियासत गरमा गई है। मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamal Nath) के द्वारा गठित कांग्रेस (Congress) की 5 सदस्यीय जांच कमेटी नीमच पहुंची। जांच दल में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कान्तिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) के अलावा विधायक दिलीप गुर्जर, पाचिलाल मेड़ा, मनोज चावला, हर्ष विजय गहलोत, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया आदि शामिल रहे।
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सिंगोली रवाना होने से पूर्व नीमच डाक बंगले पर मिडिया से चर्चा में कांग्रेस नेता कान्तिलाल भूरिया ने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं। सिंगोली में आदिवासी युवक की जिस बर्बरता से हत्या की गई वह निंदनीय है। उन्होने आरोप लगाया कि प्रशासन ने इस मामले को दबाने का प्रयास किया है। यहां तक कि पीड़ित परिवार को मृतक की अंत्येष्टि की राशि तक नहीं दी गई। भूरिया ने कहा कि मृतक को एक करोड़ रुपया मुआवजा तथा इस प्रकरण की सीबीआई जांच की वे मांग राष्ट्रपति से करेंगे।
नीमच जिले की सिंगोली तहसील के बाणदा पहुंचे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) पर जमकर निशाना साधा। भूरिया ने कहा कि भाजपा की शिवराज सरकार में लगातार बर्बरता व अमानवीयता की घटनाएं सामने आ रही है । पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल बन चुका है। लोग बेखोफ होकर कानून हाथ मे ले रहे है। कानून का कोई डर नजर नहीं आ रहा है सरकार नाम की कोई चीज कही नजर नही आ रही है ।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष भूरिया ने आगे बताया कि मृतक के पुत्र दुर्गा शंकर के नाम से 1 करोड़ की नगद राशि, एक पक्का मकान व परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी देना होगी। अगर ऐसा नहीं किया तो कांग्रेस प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी। आदिवासी लोगो को गाड़ी के पीछे रस्सी से बांधकर घसीट कर मारना कोई बच्चों का खेल नहीं है। हम भोपाल (Bhopal) जाकर महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देकर मांग करेंगे कि दोषियों का प्रकरण फास्टट्रैक कोर्ट में जाकर पीड़ित को त्वरित न्याय दिलाना होगा।
इस मौके पर पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन (Meenakshi Natarajan) ने मीडिया को बताया कि पीड़ित परिवार को संबल योजना (Sambal Yojana) के तहत 4 लाख की राशि देकर सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया। यह अन्याय कांग्रेस कभी बर्दास्त नहीं करेगी। पीड़ित परिवार के साथ-साथ यहां सभी आदिवासियों को पक्का मकान मिलना चाहिए। बाणदा गांव में शत प्रतिशत आदिवासी भील समाज कच्ची झोपड़ियों में निवास कर रहा है। शासन ने सिर्फ एक प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर भील समाज का अपमान किया है। पीड़ित के परिवार को 1 करोड़ की एफडी, पक्का मकान व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देना होगी।