प्रशासन की कहानी और कार्रवाई झूठ का पुलिंदा, जारी रहेगी न्याय की लड़ाई

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 नीमच । मंदसौर गोली हत्याकांड के संबंध में तत्कालीन प्रशासन की कहानी और कार्यवाही झूठ का पुलिंदा है इस पर विश्वास करना किसानो  की शहादत और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भावना का अपमान है। 5861 /2017 को अन्य किसानों , पीड़ितों के साथ प्रस्तुत करने वाले अधिवक्ता महेश पाटीदार ने कहा कि मंदसौर गोलीकांड के जिम्मेदारों पर 6 जून 2017 को ही हत्या का प्रकरण दर्ज होना था और इस संबंध में जैन आयोग ने 367 दिन बाद 13 जून 2018 को अपनी रिपोर्ट शासन को पेश कर दी है लेकिन इतने समय बाद हम वहीं खड़े हैं जहां से शुरू हुए थे ।

 प्रशासन ने मंदसौर गोलीकांड को न्याय संगत ठहराने का शर्मनाक कृत्य किया है जबकि जैन आयोग में पेश 211 गवाह तथा 800 से ज्यादा दस्तावेजों से यह ज्ञात हुआ है कि 6 जून 2017 को मंदसौर से 12 किलोमीटर दूर बही पार्श्वनाथ चौपाटी पर दिन 12:45 बजे सीआरपीएफ नीमच के जवान बी शाजी ,विजय कुमार ,अरुण कुमार ने बिना अनुमति के आंदोलनकारियों पर सात राउंड गोली चालन किया जिससे 2 किसान शहीद/ मृत तथा तीन घायल हुए। दोपहर 1:45 बजे चौपाटी से डेढ किलोमीटर दूर मंदसौर नीमच फोरलेन पर स्थित पिपलिया मंडी थाने पर आर ए पीटीसी इंदौर के जवान नंदलाल यादव, प्रकाश ,अभिषेक गौर, नील बहादुर , हरिओम ने आंदोलनकारियों पर 22 राउंड गोली चालन किया जिससे 3 किसान शहीद/ मृत और 3 घायल हुए।

सामाजिक कार्यकर्ता एवं अभिभाषक महेश पाटीदार एडवोकेट बताया कि पुलिस के द्वारा जो रिपोर्ट , कार्रवाई और रोजनामचा पेश किया गया है वह बॉलीवुड की फिल्म से ज्यादा रोमांच, सस्पेंस ,चमत्कार और षड्यंत्र को स्पष्ट करते हैं जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट के मापदंडों और पुलिस रेगुलेशन एक्ट रूल 444 के तहत गोली चालन की जानकारी जिला मजिस्ट्रेट, उप पुलिस महा निरीक्षक तथा पुलिस महा निरीक्षक   को तत्काल भेजना थी लेकिन जैन आयोग के समक्ष बयान तक नहीं भेजना सामने आया है । यहां तक की पुलिस ने इस घटना से बचने के लिए और अन्य को फसाने के लिए थाना पिपलिया मंडी पर अपराध क्रमांक 177 /17 तथा 178/ 17 के दर्ज किए की भीड़ पुलिस पर देशी कट्टे एवं पिस्टल से लगातार फायर कर रही थी जबकि पुलिस के बयानों से थाने पर तथा पुलिस पर फायर किया जाना ही सिद्ध नहीं हुआ है और तो और जिन तीन, पुलिस को चोट बताई है उसके डॉक्टर परीक्षण में मात्र एक एक गुम्मा, पाव या पीठ पर पाया गया तथा 3 पुलिस के कपड़ों में से पेट्रोल की बदबू आ रही थी जिसे भी सही नहीं माना गया है यहां तक की मोटरसाइकिल का नुकसानी पंचनामा झूठा है उनके बयान झूठे हैं राइफल दिए जाने की इंट्री झूठी है डॉक्टरी परीक्षण तक झूठा है। पुलिस के अनुसार 2500 की भीड़ लगातार 40 मिनट तक फायर करें, पथराव करें , पेट्रोल बम और पेट्रोल की बोतल फेंके ,  थाने मे 100-150 लोग घुस कर मारपीट करें , घसीटे, रायफल छीने, पेट्रोल डाले ,आग लगाए और इतना सब होने पर मात्र एक पुलिस के सिर पर, मुंह पर , सीने पर चोट आये और एक के पांव पर ,हाथ पर, पीठ पर गुम्मा आए या सूजन हो ..यह जादू है और कहानी भी जादूगर जैसी है ।तत्कालीन शिवराज सरकार ने 8 जून 2017 को निलंबित किए गए कलेक्टर , एसपी, एसपी को 29 जून 2018 को पुनः बहाल कर दिया। जिससे साफ जाहिर है कि गुनाहगारों को बचाया जा रहा है ।

अभिभाषण श्री पाटीदार ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय में इस मामले को लेकर इस घटना के पीड़ित परिवार जनों , घायलों की ओर से याचिका प्रस्तुत की हुई है जो विचाराधीन है मृतकों के परिवार जन न्याय की आस और प्रयास में है।जिसके चलते अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी ने पिपलिया मंडी में दिए गए अपने भाषण में वादा किया था कि सरकार के आते ही 10 दिनों के अंदर दोषियों को सजा और पीड़ित को न्याय मिलेगा लेकिन विधानसभा के पटल पर जो जवाब रखा गया है वह जवाब मृतक किसान बबलू पाटीदार, कन्हैयालाल पाटीदार ,चेनराम पाटीदार, अभिषेक पाटीदार , सत्यनारायण गायरी और घनश्याम धाकड़ की शहादत का अपमान है और कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भावना के विरुद्ध है ।

अभिभाषक श्री पाटीदार ने मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं गृह मंत्री श्री बाला बच्चन से मांग की है कि जैन आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखे और जैन आयोग की रिपोर्ट को निरस्त  करें। नवीन सिरे से जांच करें और पीड़ितों की ओर से दी गई रिपोर्ट पर एफ आई आर दर्ज कर कार्रवाई करें। इस संबंध में ग्रह मंत्री श्री बालाजी बच्चन को अवगत करवा दिया गया है श्री पाटीदार ने कहा कि न्याय की लड़ाई जारी रहेगी.


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