कोरोना कर्फ्यू के बीच पुलिस ने शादी में जाने से रोका तो धरने पर बैठा परिवार

निवाड़ी, मयंक दुबे। कोरोना महामारी के बीच शादियों का भी मौसम है। शासन प्रशासन लगातार अपील कर रहा है कि शादी में गाइडलाइन के अनुसार ही सीमित संख्या में मेहमान शामिल हों। वहीं परमिशन लेने के बाद ही शादी होने सहित कई अन्य नियम भी लागू किए गए हैं। लेकिन अब भी लोगों को समझ में नहीं आ रहा कि शादी समारोह में जाने से जरूरी है कोरोना से खुद को बचाना। ऐसा ही एक मामला सामने आया निवाड़ी में, जहां एक परिवार कोरोना कर्फ्यू के बावजूद शादी में जा रहा था और पुलिस के रोकने पर उन्होने वहीं धरना दे दिया।

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कोरोना महामारी से से ज्यादा लोगों को रिश्ते टूटने का भय है, इसकी बानगी शुक्रवार देर रात जिले के रानीगंज चेकपोस्ट पर देखने को मिली। कोरोना कर्फ़्यू के दौरान एक युवक अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ टीकमगढ में शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहा था। रानीगंज नाके पर पुलिस द्वारा उसे रोका गया तो उनका हाईवोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया। पहले तो युवक एसडीओपी संतोष पटेल को यह कहता रहा कि जब हमें शादी में जाने ही नहीं देना था तो टीकमगढ़ कलेक्टर ने शादी की परमिशन क्यों दी। उसका कहना था कि शादी में न जाने से उसकी रिश्तेदारी पूरी तरह टूट जाएगी। इन सबके बाद भी जब पुलिस नहीं मानी तो वह पूरे मामले की शिकायत पृथ्वीपुर थाने में करने जा पहुंचा। लेकिन वहाँ भी उसकी कुछ न चली तो फिर वो धरने पर बैठ गया। पत्नी व बच्चों के साथ वो धरना देने लगा क्योंकि उसे महामारी से ज्यादा परवाह इस बात की थी के रिश्तेदारी न टूट जाए।

घंटों चले इस ड्रामे के बीच एसडीओपी संतोष पटेल ने इस परिवार को मनाया पर बात नहीं बनी। अंत मे शादी वाले घर के रिश्तेदार का नम्बर लेकर इस युवक की उनसे बात कराई जिसमें सामने वाले ने रिश्तेदारी न तोड़ने का आश्वासन दिया। इसके बाद देर तक चला ड्रामा खत्म हुआ। अब इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है और लोग समझ नहीं पा रहे कि आखिर अपनी जान से ज्यादा परवाह रिश्तेदारी और शादी की कैसे हो सकती है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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