ग्वालियर, डेस्क रिपोर्ट। ग्वालियर में पिछले दिनों कोरोना काल में उजागर हुए नर्सिंग कॉलेजों के घोटाले (Nursing Colleges Scam) के जाँच की मांग तेज हो गई है। छात्र संगठन और राजनैतिक दल नर्सिंग कॉलेजों के गोरखधंधे को उजागर करने की मांग कर रहे हैं। NSUI जिला प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवाल उठा रही है। विरोध जताते हुए आज गुरुवार को NSUI जिला अध्यक्ष ने अपने ऊपर कैरोसिन डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। लेकिन पुलिस की मौजूदगी के चलते वो ऐसा नहीं कर पाया।
कोरोना काल (Corona Era) में उजागर हुए नर्सिंग कॉलेजों के गोरखधंधे (Nursing Colleges Scam) की जाँच की मांग को लेकर NSUI के कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष शिवराज यादव के नेतृत्व में कलेट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया। घोटाले की जाँच को लेकर जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए NSUI जिलाध्यक्ष शिवराज यादव ने प्रदर्शन के दौरान ही खुद पर कैरोसिन डाल लिया। हालंकि प्रदर्शन के चलते कलेक्ट्रेट पर पुलिस फ़ोर्स पहले से ही मौजूद था पुलिस ने शिवराज के हाथ से कैरोसिन की बोतल ले ली और उसकी भीगी हुई शर्ट उतार ली जिसके चलते शिवराज खुद को आग नहीं लगा पाया।
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गौरतलब है कि ग्वालियर अंचल में 123 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज संचालित है। हर कॉलेज में लगभग 5-5 कोर्स संचालित हैं। नियमानुसार हर कॉलेज के पास अपना 100 बिस्तर का अस्पताल होना चाहिए लेकिन जब कोरोना के दौरान इन नर्सिंग कॉलेजों के अस्पताल की जरूरत प्रशासन को पड़ी तो नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा सामने आया। कुछ कॉलेज तो ऐसे निकले जिनके पास खुद का अस्पताल तो छोडिए, उनके पास खुद की बिल्डिंग भी नहीं थी ।
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NSUI मांग कर रही है कि ऐसे कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएं। उनके खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए जाएं। NSUI जिला अध्यक्ष शिवराज यादव का कहना है कि उसने इसलिए जान देने की कोशिश की कि यदि उसके जान देने से हजारों लोगों की जान बच सकती है क्योंकि प्रशासन जाँच नहीं कर रहा। हो सकता है मेरे जान देने से जिला प्रशासन और राज्य सरकार दोंनो जाग जाएँ।