नंबर 1 इंदौर ने कुछ ऐसे मनाया जश्न, डीएम हुए भावुक, निगम कमिश्नर ने की जनता से अपील

Atul Saxena
Published on -

इंदौर, आकाश धोलपुरे।  स्वच्छता का पंच लगाने वाले इंदौर नगर निगम(Indore Municipal Corporation)  ने मंगलवार को एक बड़े जश्न का आयोजन  किया। इस दौरान निगम के सीएसआई, दरोगा, पूर्व पार्षदों से लेकर अन्य लोगों ने भगौरिया नृत्य कर खुशियां मनाई। वहीं निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने आम लोगों से स्वच्छता पर लगने वाले कर को चुकाने के लिए वीडियो भी जारी किया।

नंबर 1 इंदौर ने कुछ ऐसे मनाया जश्न, डीएम हुए भावुक, निगम कमिश्नर ने की जनता से अपील

कार्यक्रम में मौजूद पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने कहा कि 2015-2016 के समय सफाई को मैनेज करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था बावजूद इसके सभी की मेहनत से इंदौर ने सफलता हासिल की है। हमने जो शुरुआत की आज उसका परिणाम सबके सामने हैं। तत्कालीन निगम आयुक्त और वर्तमान कलेक्टर मनीष सिंह ने मंच से साफ एलान किया कि इंदौर को नम्बर -1 का दर्जा हासिल कराने में आम जनता के साथ ही वाल्मीकि समाज के सफाई मित्रों का बड़ा योगदान रहा है। भावुक हुए कलेक्टर ने वाल्मीकि समाज का आभार माना और कहा कि आगे भी सबकी मेहनत जारी रहेगी।

ये भी पढ़ें – भारतीय रेलवे का बड़ा फैसला, किराये पर लेकर चला सकते है ट्रेन

इधर, नाच गाने के बीच जब हर अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से सवाल किया गया कि पिछले 4 दफा के अवार्ड कहा है तो सभी बगले झांकने लगे। दरअसल, स्वच्छता में पंच लगा चुके इंदौर के पिछले चार बार के अवार्ड और प्रशस्ति पत्र गायब हैं । जिसको लेकर कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता है। न तो इंदौर निगमायुक्त, न तो पूर्व महापौर और ना ही इंदौर सांसद शंकर लालवानी इस बारे में कुछ कह कह पा रहे हैं ।

ये भी पढ़ें – MP News: सहकारिता विभाग की बड़ी तैयारी, प्रस्ताव तैयार, जल्द शुरू होगा कार्य

दरअसल, इंदौर की जनता के जागरुक रहने और सफाई मित्रों के सतत सेवा करने की मेहनत को सालों से किसी अयोग्य कर्मचारी गरोठिया द्वारा मिट्टी में मिला दिया जा रहा है। जिस पर राजनीतिक रसूख के चलते कोई कार्रवाई नहीं की जाती है फिलहाल, इंदौर के नम्बर -1 आने की खुशी सबको है लेकिन दुख इस बात का स्वच्छता के चौके का परिणाम किसके पास है, ये कोई बताने को तैयार नहीं है ?


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News