ग्वालियर, अतुल सक्सेना। अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस यानि इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग अब्यूस एन्ड इलिसिट ट्रैफिकिंग (International Day Against Drug Abuse Illicit Trafficking) के मौके पर ग्वालियर में भी कार्यक्रम आयोजित किये गए। कार्यक्रम में नशामुक्ति केंद्र में भर्ती मरीजों और समाज के लोगों को नुक्सान बताये गए और नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई।
26 जून को हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस अर्थात इंटरनेशनल डे अगेन्स्ट ड्र्ग अब्यूस एंड इलिसिट ट्रैफिकिंग (International Day Against Drug Abuse Illicit Trafficking) मनाया जाता है, ग्वालियर में भी जिला प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से नशा निषेध दिवस मनाया गया। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के दौरान व्यक्ति नशे से कैसे दूूर रहे इस उद्देश्य को लेकर शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया ।
ग्वालियर की सामाजिक संस्था प्रतिज्ञा नशाा मुक्ति केंद्र पर प्रशासन और राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में संस्था के लोगों द्वारा युवाओंं को जागरूक करते हुए नशीली दवाओं, नशीले पदार्थ, एवं सूखे नशे के साथ-साथ शराब तंबाकू के हानिकारक प्रभाव की जानकारी दी गई। संस्था प्रमुख रॉबिन शर्मा ने कार्यक्रम में मौजूद लोगोंं को जागरूक करते हुुए बताया कोरोना का संक्रमण इंसान के फेफड़ों पर अपना असर दिखा रहा है और इसका एक बहुत बड़ा कारण नशा है जिससे हमें दूर रहना है।
कार्यक्रम में विशेष रूप से मौजूद भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने कहा कि नशा सिर्फ सिर्फ उस व्यक्ति को ही नहीं बल्कि उसके परिवार और समाज को भी दूषित और प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि यहाँ मौजूद मरीजों से उनकी रिकवरी के बारे में बात क, वहीँ ठीक हो चुके मरीजों ने अपने अनुभव साझा किये। हमने यहाँ लोगों को जीवन भर नशे से दूर रहने का संकल्प दिलाया है और लोगों ने हमें इस संकल्प पर दृढ रहने का भरोसा भी दिलाया है।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....