भोपाल, डेस्क न्यूज। भोपाल से निकलने वाले कचरे का ईंधन के रुप में उपयोग करने के लिए एनटीपीसी काम कर रह रही है। जिसे लेकर आज इसकी कागजी कार्रवाई पूरी की गई है। बता दें कि मध्यप्रदेश में कचरे से ईंधन बनाने के लिए भोपाल में नगर निगम प्लांट स्थापित करने जा रहा है। जानकारी के अनुसार अक्टूबर माह में केंद्र सरकार ने प्लांट के लिए हरी झंडी दे थी। जिसके बाद देश की सबसे बड़ी कंपनी एनटीपीसी द्वारा कचरे से ईंधन बनाने का प्लांट तैयार किया जाएगा।
NTPC के साथ MOU साइन
कचरे से ईंधन बनाने के लिए नगर निगम ने एनटीपीसी (राष्ट्रीय तापविद्युत निगम) के साथ एमओयू (MOU) साइन किया है। जो कचरा निष्पादन का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट माना जा रहा है। जिसके बाद अब 6 महीने के भीतर आदमपुर छावनी में एनटीपीसी द्वारा प्लांट लगाया जाएगा।
1 दिन में होगा 400 टन कचरे का निष्पादन
अधिकारियों ने कहा कि इस प्लांट की स्थापना होने के बाद कचरे को बिजली के रुप में उपयोग करना आसान हो जाएगा, जिससे हर दिन करीब 400 टन से भी ज्यादा कचरे का निष्पादन किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इस प्लांट की मदद से पहले कचरे की नमी को नष्ट किया जाएगा, जिसके बाद कंप्रेसिंग करके कचरे को एक नियमित ताप पर बंडल बनाकर रखा जाएगा, जिससे ईंधन बिजली उत्पादन का तरीका आसान हो जाएगा।
बायो CNG प्लांट लगाने की तैयारी जारी
जानकारी के अनुसार, भोपाल नगर निगम (bhopal municipal Corporation) अब तक केवल प्लास्टिक वेस्ट मटेरियल का उपयोग कर इसे सीमेंट प्लांट्स में बिजली के रूप में इस्तेमाल करता था। बता दें कि भोपाल नगर निगम को कचरे से ईंधन उत्पादन प्रोजेक्ट से कोई इनकम नहीं होगा। प्रतिदिन 800 से 900 टन कचरा अकेले भोपाल शहर से निकलता है। आदमपुर में एक बायो सीएनजी गैस बनाने का प्लांट लगाना है, जिसके लिए आदमपुर के लैंडफिल साइट पर काम किया जा रहा है, जहां करीब 200 टन कचरे से सीएनजी गैस बनाया जाएगा।
सूखे कचरे का री-साइकलिंग
वहीं सूखे कचरे को री-साइकलिंग करने का भी काम किया जा रहा है, जिसमें करीब 300 टन सूखे कचरे का उपयोग किया जाएगा, इसके लिए अहमदाबाद की नेप्रा कंपनी ड्राय वेस्ट मेटेरियल रिकवरी प्रोजेक्ट पर काम करेगी। इस प्रोजेक्ट से नगर निगम को सालाना 38 लाख रूपए का इनकम भी होगा। इन सभी प्रोजेक्ट का उपयोग कर भोपाल नगर निगम शहर से निकलने वाले कचरे का पूर्ण रूप से निष्पादन करेगा, जिसे एक अच्छी पहल मानी जा रही है।
कचरे से बिजली उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा प्लांट
वहीं कोयले के बाद कचरे से बिजली उत्पादन करने वाला ये देश का सबसे बड़ा प्लांट होगा, जिससे कचरे का पूर्ण रुप से निष्पादन कर दैनिक जीवन में उपयोग के लिए बिजली उत्पादन किया जाएगा।