कैदी ने जेल में की आत्महत्या, फर्नीचर कटर मशीन से काट ली खुद की गर्दन

Atul Saxena
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इंदौर, आकाश धोलपुरे।  इंदौर की केंद्रीय जेल (Indore Central Jail) में नरसिंहपुर जेल से शिफ्ट किये गए कैदी ने आत्महत्या (Suicide) कर ली। बताया जा रहा है कि 48 वर्षीय कैदी ने शनिवार सुबह फर्नीचर कटर मशीन गले पर रखकर सुसाइड कर लिया। घटना के बाद जेल में जेल में हड़कंप मच गया  कैदीने आत्महत्या क्यों की इसकी वजह अब तक पता नहीं चल पाई है। जेल प्रशासन और एफएसएल की टीम जांच में जुट गई है।

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इंदौर की केंद्रीय जेल में कैदी द्वारा सुसाइड किये जाने की घटना शनिवार सुबह 8 बजे की बतायी जा रही है। जेल प्रशासन की माने तो नरसिंहपुर के छोटा आजाद नगर में रहने वाला अनिल पिता वीरसिंह यादव साल 2019 के हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। कुछ समय पहले ही उसे नरसिंहपुर की जेल से इंदौर की केंद्रीय जेल में शिफ्ट किया गया था। इंदौर जेल में उसे बढ़ई का काम मिला था और आज सुबह वह बढ़ई कारखाने में काम करने गया था। काम करने के दौरान उसने इलेक्ट्रिक कटर मशीन को अपनी गर्दन पर रखा और खुद ही गर्दन काटकर अपनी जान दे दी।

कैदी ने जेल में की आत्महत्या, फर्नीचर कटर मशीन से काट ली खुद की गर्दन

बताया जा रहा है कि मौके पर मौजूद एक अन्य कैदी ने उसे ऐसा करने से रोकने के लिए पावर सप्लाई बन्द करने की कोशिश की लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी। जैसे ही जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी की सुसाइड की खबर जेल प्रशासन तक पहुंची तो जेल में हड़कंप मच गया। इसके बाद जेल प्रशासन ने एफएसएल की टीम को सूचना दी।

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हालांकि कैदी ने सुसाइड क्यों किया इस सवाल का जबाव फिलहाल नहीं मिला है। वहीं जेल प्रशासन ने जेल में किसी विवाद से भी इंकार किया है, लिहाजा, अब जेल प्रशासन सुसाइड के इस मामले के सामने आने के बाद बंदियों की सुरक्षा को लेकर कौन से कदम उठाता है फिलहाल, इस पर अभी सवाल बने हुए है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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