रायसेन| मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस के लिए गुटबाजी से उभर पाना आसान नहीं है| विधानसभा चुनाव की जीत का उत्साह और लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन दोहराने की मंशा के बीच खुलकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी देखने को मिल रही है| ऐसा ही नजारा स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी की बैठक में देखने को मिला जब सत्ता का लाभ नहीं मिलने से नाराज कांग्रेसियों ने बैठक में हंगामा कर दिया और आपस में भिड़ गए|
दरअसल, रायसेन जिला मुख्यालय के कांग्रेस कार्यालय में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी, व प्रभु सिंह ठाकुर लोकसभा प्रभारी, लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे थे| इसी दौरान कुछ कार्यकर्ता सत्ता का लाभ नहीं मिलने की बात करते हुए आपस में भिड़ गए। बैठक में नाराज महिला सलमा सिद्दीकी है जो रायसेन की पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रही है| विवाद इस बात को लेकर हुआ कि जिन लोगों ने संघर्ष की घड़ी में कांग्रेस के साथ खड़े होकर काम किया उनको आज सरकार बनने के बाद महत्व नहीं मिल रहा है और जिन लोगों ने कुछ नहीं किया वह लोग आज उन सभी नेताओं के साथ रहकर सत्ता के मजे ले रहे हैं वहीं पुराने नेताओं को नजरअंदाज करने को लेकर कांग्रेसी आपस में भिड़ गए|
बैठक में जो तस्वीर सामने आई उससे यही जाहिर हो रहा है कि यह लड़ाई इसलिए भी हुई है कि जो लोग सक्रियता से कांग्रेस पार्टी का काम कर रहे थे उनके लिए मंत्री पद के बराबर हिस्सेदारी अब दूसरे कार्यकर्ता पचा नहीं पा रहे हैं लिहाजा बैठक में एक दूसरे के ऊपर छींटाकशी हुई जैसे एक दूसरे पर हाथापाई की नौबत सामने आ गई| लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं की नाराजगी और फुट कांग्रेस को भारी पड़ सकती है, क्यूंकि असली खींचतान बड़े नेताओं के बीच से चली आ रही है| यही बात जमीनी कार्यकर्ताओं को खल रही है कि उन्हें सत्ता का लाभ नहीं मिल रहा और न महत्व दिया जा रहा है| पार्टी के लिए सभी को साधना बड़ी चुनौती है|