रायसेन, डेस्क रिपोर्ट। रायसेन (Raisen) जिले में टमाटर की फसल लगाने वाला किसान इस साल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। जिले में इस साल टमाटर (Tomato) की बंपर फसल हुई तो किसानों को उम्मीद थी कि अच्छे दाम मिलेंगे। लेकिन मार्केट नहीं मिलने के चलते इस बार लागत भी नहीं निकल पाई। जेब में पैसा नहीं तो माल की ढुलाई भी कैसे करें इसलिए किसानों ने पालतू जानवरों के खाने के लिए टमाटर सड़क और नालियों में फेंक दिए हैं।
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प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (Prime Minister Micro Food Industry Upgradation Scheme) के तहत रायसेन (Raisen) को टमाटर जिला (Tomato District) घोषित किया गया है। यहां का टमाटर उत्तर और दक्षिण भारत जाता था। लेकिन कोरोना काल और ऊपर से दक्षिण में इस बार टमाटर की भरपूर पैदावार ने रायसेन का मार्केट चौपट कर दिया। टमाटर के दाम नहीं मिलने पर किसान टमाटर फेंकने के लिए मजबूर हैं। हालात ये हैं कि इस बार लागत, बीज, दवाइयां और अन्य खर्च तक नहीं निकल पाया। रायसेन में टमाटर से सड़कें और नहरें लाल हो रही है।
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रायसेन (Raisen) जिले के लोकल मार्केट में उपज का दाम नहीं मिल पा रहा। इस बार बंपर क्रॉप के कारण भाव औंधे मुंह गिर पड़े हैं। टमाटर खेतों में सड़कर खराब होने लगे हैं। दर्जनों बीघा जमीन पर टमाटर की पैदावार करने वाले किसानों को इस बार बीज, दवाई और अन्य खर्च तक निकलना मुश्किल हो गया है। 22 किलो के एक क्रेट के अब 40 रूपए मिल रहे हैं। इसके बावजूद खरीददार नहीं मिल रहे हैं।