राजगढ़| मनीष सोनी| मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विधानसभा के गोघट पुर गांव स्थित एक मंदिर में बिना अनुमति सभा करने और इस दौरान धार्मिक भावना के नाम पर वोट मांगने के मामले में खिलचीपुर विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी हजारी लाल दांगी पर धारा 188 के तहत आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज हुआ है|
मामला 10 नवंबर का है जब हजारीलाल दांगी ने गोघटपुर में जनसंपर्क के दौरान पुराने बस स्टैंड स्थित बाबा रामदेव जी के मंदिर पर बिना अनुमति के सभा कर मतदाताओं को संबोधित किया था | जिसमे भाजपा प्रत्याशी द्वारा मन्दिर पर उनके द्वारा दिये गए दान के नाम पर वो लोगो से वोट मांग रहे थे, ओर उनको वोट नही देने पर बाबा रामदेव जी के नाम पर डरा धमका रहे थे| इसके बाद राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत खिलचीपुर एस डी एम को की थी| शिकायत के बाद एसडीएम ने एफएसटी से शिकायत की जाँच करवाई, जांच के प्रारंभिक तौर पर शिकायत सही मिलने पर भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ माचलपुर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है ।
वीडियो हुआ था वायरल
दरअसल, खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के गोगटपुर गांव में चुनाव प्रचार के दौरान गोगटपुर गांव वालों को विधायक वोट के खातिर भगवान का वास्ता दे रहे थे। जिसका वीडियो वायरल हुआ था| इस वीडियो में गाँव के बीच बने मन्दिर के प्लेटफार्म पर अपने समर्थकों के साथ विधायक ग्रामीणों से कह रहे थे कि जितना काम उन्होंने इस गांव में करवाया है ,उतना काम आज तक किसी दूसरे नेता ने नही करवाया है, विधायक जी ने इस गांव में भगवान बाबा रामदेव के मंदिर निर्माण के लिए ₹100000 की राशि देने की घोषणा की थी राशि देते समय ग्रामीणों से विधायक ने कहा था यदि मैं यह राशि नहीं दूंगा तो बाबा रामदेव मोहे देखेगा । विधायक जी ने ग्रामीणों को राशि भी मुहैया करा दी, अब चुनाव के समय विधायक जी की बारी है | विधायक जी ने ग्रामीणों को बाबा रामदेव का वास्ता देते हुए कहा ‘मैंने एक लाख की राशि मंदिर निर्माण में दी है अब तम सब लोग म्हारे साथे बेईमानी करोगा तो बाबा रामदेव तम्हारे देखेगा’। विधायक जी ने आगे कहा ‘गांव में अभी तक जितने भी विकास कार्य हुए है वो मैंने करवाएं है ,अगर इसके बाद भी तम्हारा मोहल्ले वालों ने म्हारे साथ बईमानी करि तो रामदेव जी महाराज तम्हे देखेगा’ । इस पूरे मामले को सामने आने के बाद खिलचीपुर विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी प्रियव्रत सिंह ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने की बात कही थी|