राजगढ़: मध्य प्रदेश के राजगढ़ में सरकारी नियमों का पालन कराना एक वन अधिकारी को महंगा पड़ गया। अवैध आरा मशीनों पर कार्रवाई करने वाले डिप्टी रेंजर मोहन सोनगिरा को जान से मारने की धमकी मिली है। आरोप है कि आरा मशीन संचालकों ने उन्हें फोन पर ‘गर्दन और गुप्तांग’ काटने की धमकी दी। इस मामले में खिलचीपुर के विधायक हजारीलाल दांगी का नाम भी सामने आया है, जिन पर अधिकारी को कार्रवाई रोकने के लिए धमकाने का आरोप है।
यह पूरा विवाद 27 और 28 अक्टूबर को शुरू हुआ, जब वन विभाग की उड़नदस्ता टीम ने खिलचीपुर के छापीहेड़ा में कई आरा मशीनों पर छापा मारा। डिप्टी रेंजर मोहन सोनगिरा के नेतृत्व में टीम को जांच के दौरान गीली और बिना ट्रांजिट पास (TP) की लकड़ी मिली, जो नियमों का उल्लंघन है। इसके बाद टीम ने चार आरा मशीनों को सील कर दिया।
धमकियों का सिलसिला और विधायक का फोन
कार्रवाई के कुछ ही घंटों बाद डिप्टी रेंजर सोनगिरा के फोन पर धमकियों का तांता लग गया। सोनगिरा के अनुसार, सबसे पहले कालूराम नामक संचालक ने फोन कर गालियां दीं।
तेरी गर्दन कटवा दूंगा, तेरे गुप्त अंग काट दूंगा, तू पैसे क्यों नहीं लेता? तूने मेरी मशीन सील करके बड़ी गलती की है।कालूराम, आरा मशीन संचालक (आरोप के अनुसार)
अगले दिन जब टीम जीरापुर में जांच के लिए पहुंची, तो वहां भी गुड्डा राठौर और रमेश विश्वकर्मा ने उन्हें धमकाया और हाथापाई की कोशिश की। सोनगिरा ने आरोप लगाया कि इसके बाद विधायक हजारीलाल दांगी ने उन्हें फोन किया।
तू तुरंत वापस आ जा, मैं सबसे बात कर लूंगा, नहीं तो तेरी कार्रवाई कर दूंगा।हजारीलाल दांगी, विधायक (आरोप के अनुसार)
डिप्टी रेंजर का आरोप है कि जब वह राजगढ़ लौटे तो जीरापुर का गब्बर नामक व्यक्ति उनके दफ्तर पहुंचा और गर्दन पकड़कर धमकी दी कि ‘रास्ते से हट जा, नहीं तो जान से मार दूंगा’।
रोते हुए सुनाई आपबीती, पुलिस में शिकायत
इन धमकियों से सहमे डिप्टी रेंजर मोहन सोनगिरा ने मीडिया के सामने रोते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ सरकारी आदेश का पालन कर रहे थे। लेकिन ये लोग रसूखदार हैं और हमें हर बार धमकाते हैं। अब तो जान पर बन आई है।”
सोनगिरा ने इस मामले में कोतवाली थाने, पुलिस अधीक्षक (SP) और वन मंडल अधिकारी (DFO) को लिखित शिकायत दी है। उन्होंने चार लोगों- कालूराम (छापीहेड़ा), गब्बर हबीब खान (जीरापुर), रमेश विश्वकर्मा (ग्राम खारपा) और महेश ‘गुड्डा’ राठौर (जीरापुर) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, उड़नदस्ता टीम ने जिले में अब तक 13 से 14 आरा मशीनें सील की हैं। इस कार्रवाई से लकड़ी के अवैध कारोबार से जुड़े माफिया में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि सील की गई कई मशीनें राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवारों से जुड़ी हैं।





