एक बार फिर सिंगरौली जिला हुआ सर्मसार, 5 वर्षीय नाबालिग के साथ 65 साल के बुजुर्ग ने किया दुष्कर्म

Gaurav Sharma
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सिंगरौली,राघवेन्द्र सिंह गहरवार। सिंगरौली में एक बार फिर नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। जहां किराने की दुकान पर बिस्कुट लेने गई 5 वर्षीय नाबालिग के साथ 65 वर्षीय आरोपी ने खेत में दुराचार किया है। मामला मोरवा थाना क्षेत्र के ग्राम क़नुहड़ का है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह करीब 8:30 बजे नाबालिका पड़ोस के किराना दुकान में बिस्कुट लेने गई थी, जहां बदनीयती से बैठे बुजुर्ग ने नाबालिग को प्रलोभन देकर पास ही अरहर के खेत में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। डरी सहमी नाबालिग दिन में तो खामोश रही परंतु रात में दर्द बढ़ने पर उसने आपबीती अपनी मां को बताई। इसके बाद परिजनों के होश फाख्ता हो गए। अतः शुक्रवार अलसुबह परिजन नाबालिग के साथ मोरवा थाने पहुंची, जहां उसने नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म की शिकायत की।

जिसके बाद पीड़िता के परिजनों की शिकायत के आधार पर मोरवा निरीक्षक मनीष त्रिपाठी ने पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र कुमार सिंह के निर्देशन एवं एसडीओपी राजीव पाठक के मार्गदर्शन में नाबालिग का मेडिकल परीक्षण कराकर अपराध क्रमांक 552/20 धारा 376, 376 ए बी ताहि एवं 5 एम,6 पॉस्को एक्ट कायम कर मामले की विवेचना की और मामला उपनिरीक्षक रूपा अग्निहोत्री को सौंपा। उपनिरीक्षक रूपा अग्निहोत्री ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी रामविशाले प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया है।

 

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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