बिना कर्ज, ‘कर्जदार’ बने किसान की सदमे से मौत, 3 के खिलाफ FIR के आदेश

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सागर | जिले के गौरझामर थाना क्षेत्र के ग्राम सरदई में कर्जदार किसानों की लिस्ट में अपना नाम देखकर सदमे में आये किसान मुकुंदी आदिवासी की हार्ट अटैक से मौत के मामले में जांच रिपोर्ट आ गई है|  मृतक किसान के परिजनों ने आरोप लगाए थे कि सहकारी समिति द्वारा कर्जदार किसानों की सूची देख मुकुन्दी सदमे में आ गया था, जबकि मुकुंदी पर कोई कर्जा नहीं था ना ही उसने कोई कर्जा लिया था| इस मामले की जांच में आरोप सही पाया| कलेक्टर ने सीईओ जिला सहकारी बैंक को आदेशित किया है कि वो दोषी सोसायटी प्रबंधक, सोसायटी अध्यक्ष और ब्रांच मैनेजन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएं| 

दरअसल, सागर जिले के ग्राम सरदई निवासी कृषक मकुन्दी आदिवासी पिता गजराज आदिवासी, उम्र 65 वर्ष की 23 जनवरी को हार्ट अटैक आने से मृत्यु हो गई। मृतक मुकुंदी आदिवासी के छोटे भाई दामोदर आदिवासी ने आरोप लगाया था कि मंगलवार को मुकुंदी भैया को मैंने कहा नया नगर पंचायत में कर्ज माफी की सूची में उनके नाम पर दो अलग अलग खाते में करीब 544402 कर्ज़ अंकित है तो मुकुंदी भैया ग्राम पंचायत नया नगर की सूची देखने के बाद घर लौटे और चिंता में पड़ गए और उसी दिन से खाना भी बंद कर दिया था और इसी सदमे में उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई| इस घटना से आक्रोशित होकर बड़ी संख्या में किसानों ने गौरझामर के केसली चौराहे पर नेशनल हाईवे 26 की सड़क पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया और सहकारी समितियों में हुई भारी गड़बड़ी को लेकर हंगामा किया। करीब 5 घंटे तक नारेबाजी और चक्काजाम चलता रहा। जांच के आश्वासन के बाद चक्काजाम समाप्त कराया गया। 

जिला कलेक्टर, सागर ने मृतक के परिजनों द्वारा लगाये गये आरोपों की जाँच की। जाँच में मृतक के विरुद्ध जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की गौरझामर शाखा से संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटी में अवैधानिक रूप से मृतक के नाम से ऋण स्वीकृत करने के आरोप में तत्कालीन सोसायटी प्रबंधक, शाखा प्रबंधक तथा सोसायटी अध्यक्ष को दोषी करार देते हुए इनके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता-1860 की धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराने के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, सागर को निर्देशित किया है। 

निराकरण के लिये कॉल-सेंटर की सुविधा 

जिला कलेक्टर, सागर ने जानकारी दी है कि जय किसान फसल ऋण माफी योजना में प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिये जिला स्तर पर सहकारिता उपायुक्त की अध्यक्षता में दल गठित किया गया है। साथ ही, जिले में कृषकों की समस्याओं के निराकरण के लिये कॉल-सेंटर बनाया गया है, जिसका हेल्पलाइन नम्बर 07582-221448 है। कलेक्टर ने बताया है कि कॉल-सेंटर में शिकायतों के निराकरण के लिये 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी प्राप्त शिकायतों को रजिस्टर में दर्ज करते हैं और निराकरण के लिये संबंधित को प्रेषित करते हैं।


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